SIP का धांसू फॉर्मूला- रिटायरमेंट से पहले बना देगा 2 करोड़ का मालिक! ऐसे बदलेंगे आपके दिन कि लोग पूछेंगे कैसे किया?
Tuesday, August 26, 2025
Tuesday, August 19, 2025
SIP में हर महीने ₹10,000 जमा करें तो 12 साल में कितना फंड होगा तैयार? देखें कैलकुलेशन
SIP Calculator: देश का आम आदमी बढ़-चढ़कर म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहा है। म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, इसके बावजूद लोग दिल खोलकर इसमें पैसा लगा रहे हैं। AMFI के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में म्यूचुअल फंड खातों के साथ-साथ इसमें आने वाला निवेश भी लगातार बढ़ता जा रहा है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए एसआईपी को एक प्रभावशाली तरीका माना जाता है। एसआईपी में आपको हर महीने एक राशि निवेश करनी होती है। आज हम जानेंगे कि एसआईपी में हर महीने 10,000 रुपये की एसआईपी करें तो 12 साल बाद कितना फंड तैयार हो सकता है?
ये बात तो तय है कि म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, लेकिन इसमें शेयर बाजार से ही मोटी कमाई भी होती है। इसके अलावा, एसआईपी में आपको कंपाउंडिंग का भी भरपूर फायदा मिलता है। लिहाजा, एसआईपी को जितने लंबे समय के लिए चलाया जाएगा, आपको उतना ही मोटा पैसा मिलेगा
ये बात तो तय है कि म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, लेकिन इसमें शेयर बाजार से ही मोटी कमाई भी होती है। इसके अलावा, एसआईपी में आपको कंपाउंडिंग का भी भरपूर फायदा मिलता है। लिहाजा, एसआईपी को जितने लंबे समय के लिए चलाया जाएगा, आपको उतना ही मोटा पैसा मिलेगा।
एसआईपी में निवेश करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे मिलने वाले रिटर्न पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना होता है। ऐसे में आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए थोड़ा ज्यादा समय तक निवेश करना पड़ेगा। एसआईपी से तैयार होने वाला फंड इस बात पर निर्भर करता है कि आपके फंड्स आपको कितना रिटर्न दे रहे हैं।
अगर आपको हर साल 12 प्रतिशत का औसत रिटर्न मिलता है तो 10,000 रुपये की एसआईपी से 12 साल में 30.80 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है। 12 साल तक हर महीने 10,000 रुपये जमा करने से आपका कुल निवेश 14.40 लाख रुपये हो जाएगा और आपको इस पर 12 प्रतिशत के हिसाब से करीब 16.40 लाख रुपये का रिटर्न मिलेगा।
इसी तरह, अगर अगर आपको हर साल 15 प्रतिशत का औसत रिटर्न मिलता है तो 10,000 रुपये की एसआईपी से 12 साल में 37.56 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है। इसमें आपके निवेश के 14.40 लाख रुपये के अलावा 16.40 लाख रुपये का अनुमानित रिटर्न शामिल है। बताते चलें कि म्यूचुअल फंड एसआईपी में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है। इसमें लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है। अगर बाजार में तेजी जारी रहती है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू भी बढ़ती रहेगी। इसी तरह, अगर बाजार में गिरावट आती है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू में भी गिरावट आएगी।
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*Disclaimer: Mutual Funds are subject to market Risks. Read documents carefully before investing
Sunday, August 10, 2025
म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पैसा घटने पर मन तो करता होगा SIP रोकने का, लेकिन करना क्या चाहिए?
जब म्यूचुअल फंड में पैसा घटता है तो SIP रोकने का मन करता है, लेकिन ऐसा करना लंबे वक्त के फायदे छीन सकता है। बाजार उतार-चढ़ाव भरा होता है, और गिरावट के वक्त भी SIP जारी रखना निवेश के औसत लागत को कम करता है और रिटर्न बढ़ा सकता है।
Mutual Fund SIP: इन दिनों स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही है, जिससे माहौल और भी खराब हुआ है। ऐसे में बहुत से म्यूचुअल फंड निवेशक सोच रहे हैं कि "क्या SIP चालू रखना ठीक है या रोक देना चाहिए?"
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स साफ कहते हैं कि मार्केट की गिरावट देखकर SIP बंद करना गलत कदम हो सकता है। SIP का असली फायदा तो इसी में है कि आप बाजार के हर उतार-चढ़ाव में नियमित निवेश करते रहें।
1. रुपये कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा उठाइए
जब आप हर महीने, पंद्रह दिन या तिमाही में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड की यूनिट्स अलग-अलग दामों पर खरीदते हैं। इससे आपके खरीदने की औसत कीमत कम हो जाती है और फायदा कमाने के मौके बढ़ जाते हैं। यही तरीका ‘रुपये कॉस्ट एवरेजिंग’ कहलाता है।
अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेस की फाउंडर प्रीति जेंडे बताती हैं, “SIP का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें तय समय पर तय रकम निवेश होती रहती है। इससे जब मार्केट नीचे होता है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं और जब ऊपर होता है, तो कम यूनिट्स मिलती हैं। इससे लॉन्ग टर्म में अच्छा फायदा होता है।”
2. मार्केट की चाल का हिस्सा है उतार-चढ़ाव
मार्केट में गिरावट एक आम बात है और इसे लेकर घबराना नहीं चाहिए। हां, ये सच है कि पोर्टफोलियो में रोज की गिरावट देखना मुश्किल होता है, लेकिन SIP बंद करना इसका हल नहीं है। प्रीति जेंडे कहती हैं, “नए निवेशक जब पहली बार इतनी गिरावट देखते हैं तो घबरा जाते हैं, लेकिन यही समय होता है ज्यादा यूनिट जुटाने का।”
3. SIP बंद की तो फाइनेंशियल गोल्स पूरे नहीं होंगे
SIP का मकसद सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं होता, बल्कि आपके फाइनेंशियल गोल्स पूरे करना होता है जैसे बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना, रिटायरमेंट की प्लानिंग वगैरह। ऐसे में मार्केट के झटकों की वजह से SIP रोकना नुकसानदायक हो सकता है।
4. लंबी अवधि में बाजार देता है रिटर्न
मार्केट चाहे कितना भी गिरे, लंबी अवधि में वह वापस उभरता है। उदाहरण के लिए, 2024 में भले ही बाजार में करेक्शन आया हो, लेकिन फिर भी सेंसेक्स ने पूरे साल में करीब 8% रिटर्न दे ही दिया। 2016 से अब तक सेंसेक्स ने हर साल पॉजिटिव रिटर्न दिया है।
“अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो मार्केट में गिरावट के वक्त SIP चालू रखना ही सबसे अच्छा समय होता है। इससे आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं, और जब बाजार सुधरता है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू तेजी से बढ़ती है।”
मार्केट की गिरावट के वक्त SIP को बंद करना एक मौका गंवाने जैसा है। अगर आप वाकई अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को लेकर गंभीर हैं, तो निवेश जारी रखें और छोटी-छोटी गिरावटों से घबराएं नहीं।
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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।
मिडिल क्लास के लिए बेस्ट है 4-12-20 का SIP फॉर्मूला, जेब पर नहीं बढ़ेगा बोझ और जमा हो जाएगा 36 लाख का फंड
अगर आप मिडिल क्लास फैमिली से हैं और कम इनकम में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं तो 4-12-20 का SIP फॉर्मूला आपके लिए बेस्ट है. महीने की छोटी सी बचत से आप 20 सालों में 36 लाख से ज्यादा का फंड तैयार कर सकते हैं.
फाइनेंशियल प्लानिंग में अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा पैसा नहीं है तो निवेश कैसे करें. लेकिन अगर आप एक मिडिल क्लास इन्वेस्टर हैं और हर महीने सिर्फ ₹4,000 बचा सकते हैं, तो 4-12-20 का SIP फॉर्मूला आपकी बड़ी मदद कर सकता है. इसका मतलब है ₹4,000 महीने की SIP, 12% सालाना अनुमानित रिटर्न और 20 साल तक निवेश.
कितना फंड बनेगा?
अगर कोई निवेशक इस फॉर्मूले पर लगातार 20 सालों तक ₹4,000 प्रति माह की SIP करता है, तो उसका कुल निवेश ₹9,60,000 होगा. लेकिन 12% सालाना अनुमानित रिटर्न के हिसाब से उसे ₹36,79,429 का फंड मिल सकता है. यानी ₹27,19,429 ब्याज के तौर पर कमाई होगी.
निवेश का गणित
मंथली SIP- ₹4,000
सालाना रिटर्न- 12%
समय अवधि- 20 साल
कुल निवेश- ₹9.6 लाख
फंड वैल्यू- ₹36.79 लाख
ब्याज से कमाई- ₹27.19 लाख
र्क्यो है ये फॉर्मूक्योंला खास?
इस फॉर्मूले की खास बात ये है कि यह जेब पर भारी नहीं पड़ता, लेकिन लंबे समय में शानदार फंड तैयार करता है. 20 साल बाद जब बच्चों की पढ़ाई, शादी या रिटायरमेंट जैसे बड़े खर्च सामने आते हैं, तब यह फंड बड़ी राहत बन सकता है.
डिसिप्लिन और लॉन्ग टर्म में है दम
SIP में सफलता की कुंजी है, डिसिप्लिन और लंबा नजरिया. जितनी जल्दी आप शुरुआत करेंगे, कंपाउंडिंग उतनी ही बेहतर काम करेगी. अगर आप चाहें तो इस फॉर्मूले में धीरे-धीरे SIP की रकम बढ़ाकर और भी बड़ा फंड बना सकते हैं.
SIP में 4-12-20 फॉर्मूला से जुड़ी जरूरी बातें (FAQs)
सवाल 1- क्या 12% रिटर्न की गारंटी है?
जवाब- नहीं, 12% एक अनुमानित ऐवरेज रिटर्न है जो इक्विटी म्यूचुअल फंड्स लंबे समय में दे सकते हैं. रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है.
सवाल 2- 20 साल तक SIP जारी रखना कितना जरूरी है?
जवाब- लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का असर ज्यादा होता है. अगर 20 साल तक SIP जारी रखें तो फंड की वैल्यू कई गुना बढ़ सकती है.
सवाल 3- क्या मैं बीच में SIP रोक सकता हूं?
जवाब- हां, आप कभी भी SIP बंद कर सकते हैं, लेकिन इससे आपके फंड का साइज और ब्याज पर असर पड़ेगा.
सवाल 4- SIP में टैक्स कैसे लगता है?
जवाब- SIP से मिलने वाला रिटर्न इक्विटी फंड्स में 1 साल से ज्यादा की होल्डिंग पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स के तहत आता है. एक वित्त वर्ष में ₹1.25 लाख तक का गेन टैक्स फ्री होता है.
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(डिस्क्लेमर:Mutual Fund इंवेस्मेंट बाजार जोखिमों के आधीन है कृप्या निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
Thursday, August 7, 2025
मार्केट की गिरावट में काम आता है SIP का 10-7-1 Rule, अच्छा रिटर्न चाहिए तो न करें ये 5 गलतियां, फिर पैसा बनना तय!
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में सफलता के लिए सिर्फ निवेश शुरू करना ही काफी नहीं, बल्कि अनुशासन बनाए रखना भी जरूरी है. निवेशक अक्सर 5 आम गलतियां करते हैं. इन गलतियों से बचने के लिए, "10-7-1 रूल" एक प्रभावी रणनीति है. यह नियम निवेशकों को अनुशासित रहने और लंबी अवधि में कम्पाउंडिंग का फायदा उठाने में मदद करता है.
मार्केट की गिरावट में काम आता है SIP का 10-7-1 Rule, अच्छा रिटर्न चाहिए तो न करें ये 5 गलतियां, फिर पैसा बनना तय!
SIP तो शुरू कर दी... पर क्या आप भी उन 45% लोगों में से हैं जो दो साल के भीतर ही इसे बंद कर देते हैं? म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (AMFI) के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. लोग बड़े उत्साह और लंबे समय के सपनों के साथ SIP शुरू करते हैं, लेकिन बाजार के एक छोटे से झटके या किसी अप्रत्याशित खर्चे के आते ही सबसे पहले अपनी SIP पर ही कुल्हाड़ी चलाते हैं.
आखिर ऐसा क्यों होता है? वजह है- निवेश से जुड़ी गलतफहमियां और वित्तीय अनुशासन की कमी.
आज हम आपको इसी समस्या का समाधान बताएंगे. हम आपको उन 5 बड़ी गलतियों से रूबरू कराएंगे जो आपकी SIP को बढ़ने से रोकती हैं और साथ ही आपको निवेश का वो शक्तिशाली '10-7-1' रूल सिखाएंगे, जो आपको न सिर्फ बाजार के उतार-चढ़ाव में टिके रहने की हिम्मत देगा, बल्कि आपकी दौलत को कई गुना तेजी से बढ़ाएगा.
क्यों डूब जाती है आपकी SIP? ये 5 गलतियां तो नहीं कर रहे आप?
गलती 1: SIP को लॉटरी का टिकट समझना
कई नए निवेशक यह सोचकर आते हैं कि म्यूचुअल फंड में उनका पैसा कुछ ही महीनों या एक-दो साल में डबल हो जाएगा. जब ऐसा नहीं होता, तो वे निराश होकर SIP बंद कर देते हैं और जल्दी पैसा बनाने के चक्कर में सीधे शेयरों या फ्यूचर-ऑप्शन जैसे जोखिम भरे रास्तों पर चले जाते हैं.
सच: SIP एक मैराथन है, 100 मीटर की दौड़ नहीं. यह "जल्दी अमीर बनो" स्कीम नहीं, बल्कि "धीरे-धीरे अमीर बनो" का सिद्ध फॉर्मूला है.
गलती 2: बाजार गिरने पर डरकर भाग जाना
यह सबसे आम और सबसे बड़ी गलती है. जैसे ही बाजार गिरता है और पोर्टफोलियो लाल दिखने लगता है, निवेशक घबराकर अपनी SIP रोक देते हैं और पैसा निकाल लेते हैं.
सच: बाजार में गिरावट आपके लिए 'डिस्काउंट सेल' की तरह है. इसी समय आपकी SIP आपको सस्ते में ज्यादा यूनिट्स खरीदकर देती है. जो लोग इस गिरावट में टिके रहते हैं, बाजार चढ़ने पर सबसे ज्यादा मुनाफा वही कमाते हैं.
गलती 3: इमरजेंसी के लिए कोई 'Plan B' न होना
अचानक नौकरी छूटना, कोई मेडिकल इमरजेंसी या कोई बड़ा अप्रत्याशित खर्च... ऐसी स्थितियों में अक्सर लोग सबसे पहले अपनी SIP ही बंद करते हैं.
सच: आपकी SIP आपके सपनों के लिए है, इमरजेंसी के लिए नहीं. ऐसी किसी भी आपात स्थिति के लिए हमेशा एक इमरजेंसी फंड (आपके 6 महीने के खर्च के बराबर रकम) बनाकर रखें. यह फंड आपके निवेश का सुरक्षा कवच है.
गलती 4: बिना मंजिल के जहाज चलाना
"बस निवेश कर रहा हूं"- यह रवैया बहुत खतरनाक है. अगर आपने अपने निवेश को किसी लक्ष्य से नहीं जोड़ा है, तो आप किसी भी छोटी-मोटी जरूरत के लिए उसे तोड़ देंगे.
सच: अपने निवेश को लक्ष्यों का नाम दें. जैसे - 'कार वाली SIP', 'घर के डाउन पेमेंट वाली SIP', 'बच्चों की पढ़ाई वाली SIP', 'रिटायरमेंट वाली SIP'. जब आप ऐसा करते हैं, तो आप भावनात्मक रूप से अपने निवेश से जुड़ जाते हैं और उसे बीच में नहीं छोड़ते.
गलती 5: कर्ज लेकर शौक पूरे करना
गैर-जरूरी चीजों (जैसे महंगा फोन, वेकेशन) के लिए पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड से उधार लेने की आदत आपके वित्तीय अनुशासन को खत्म कर देती है. इस कर्ज को चुकाने का दबाव अक्सर आपकी SIP पर ही आता है.
सच: निवेश का पहला नियम है - पहले बचाओ, फिर खर्च करो. अपनी जरूरतों और चाहतों के बीच का अंतर समझें.
पेश है SIP का '10-7-1' गोल्डन रूल
अब जब आप गलतियों को समझ गए हैं, तो आइए उस नियम को जानते हैं जो आपको एक सफल निवेशक बनाएगा.
SIP का 10-7-1 गोल्डन रूल
(10) 10% की गिरावट के लिए रहें तैयार
यह मानकर चलें कि बाजार हर साल 10% तक गिर सकता है. यह सामान्य है.
(7) 7 साल का समय जरूर दें
अपने निवेश को कम से कम 7 साल तक टिके रहने का मौका दें.
(1) हर 1 साल में निवेश बढ़ाएं
अनुशासन के साथ हर साल अपनी SIP की रकम को थोड़ा बढ़ाएं.
आइए, इस रूल को विस्तार से समझते हैं
10-10% गिरावट के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें
यह एक मनोवैज्ञानिक नियम है. पिछले 23 सालों में से 20 साल ऐसे रहे हैं जब बाजार कम से कम 10% तक गिरा है. यह बाजार का स्वभाव है. अगर आप इस सच्चाई को स्वीकार कर लेंगे, तो गिरावट के समय आप डरेंगे नहीं, बल्कि इसे एक अवसर के रूप में देखेंगे.
7- अपने निवेश को कम से कम 7 साल का समय अवश्य दें
यह धैर्य का नियम है. SIP में कम्पाउंडिंग का असली जादू दिखने में कुछ साल लगते हैं. ऐतिहासिक रूप से यह देखा गया है कि जिन लोगों ने अपने इक्विटी निवेश को 7 साल या उससे अधिक समय तक बनाए रखा, उन्हें लगभग हमेशा पॉजिटिव रिटर्न ही मिला है.
1- हर साल अपना निवेश बढ़ाएं (The Power of Step-up)
यह आपकी दौलत को तेज करने वाला 'एक्सेलरेटर' है. हर साल अपनी आय बढ़ने के साथ, अपनी SIP की रकम में भी थोड़ी बढ़ोतरी करें. आइए देखते हैं कि 10% की सालाना बढ़ोतरी कितना बड़ा अंतर पैदा कर सकती है.
कैलकुलेशन टेबल: फ्लैट SIP vs स्टेप-अप SIP
(मासिक निवेश: ₹25,000, अवधि: 10 साल, अनुमानित रिटर्न: 12% सालाना)
पैरामीटर सिनेरियो A: फ्लैट SIP सिनेरियो B: स्टेप-अप SIP (10% सालाना बढ़ोतरी)
कुल निवेशित राशि ₹30 लाख ₹47.81 लाख
कॉर्पस की अनुमानित वैल्यू ₹58.04 लाख ₹84.45 लाख
मुनाफे में अंतर - ₹26.41 लाख ज्यादा
आपने देखा! सिर्फ हर साल थोड़ा सा निवेश बढ़ाने से आपका मुनाफा ₹26 लाख से भी ज्यादा बढ़ गया.
Conclusion: आपके काम की बात
SIP में पैसा बनाना रॉकेट साइंस नहीं है. यह सिर्फ दो चीजों का खेल है- गलतियों से बचना और अनुशासन बनाए रखना. अगर आप ऊपर बताई गई 5 आम गलतियों से बचते हैं और निवेश के '10-7-1' गोल्डन रूल को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो आप न केवल अपने वित्तीय लक्ष्यों को समय पर हासिल कर पाएंगे, बल्कि उम्मीद से कहीं ज्यादा बड़ी दौलत भी बना पाएंगे. याद रखें, SIP में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला फंड वो नहीं है जो सबसे ज्यादा रिटर्न देता है, बल्कि वो है जिसमें आप सबसे लंबे समय तक टिके रहते हैं.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. बाजार गिरने पर SIP रोकने के बजाय क्या करना चाहिए?
अगर संभव हो तो कुछ अतिरिक्त पैसा लगाकर और यूनिट्स खरीदें, या फिर कुछ न करें और अपनी SIP को चलने दें.
2. 10-7-1 रूल में 1 का क्या मतलब है?
इसका मतलब है कि आपको हर 1 साल में अपने SIP निवेश की राशि को बढ़ाना चाहिए (जिसे स्टेप-अप SIP कहते हैं).
3. इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए?
आपके 6 से 12 महीने के जरूरी खर्चों के बराबर की रकम आपके इमरजेंसी फंड में होनी चाहिए.
4. निवेश के लिए कौन सा फंड चुनें?
शुरुआत करने वालों के लिए, एक डायवर्सिफाइड फ्लेक्सी-कैप फंड या निफ्टी 50 इंडेक्स फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
5. SIP शुरू करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
सबसे अच्छा समय 'आज' है. जितनी जल्दी आप शुरू करेंगे, कम्पाउंडिंग को काम करने के लिए उतना ही ज्यादा समय मिलेगा.
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sip investment 10 7 1 rule 5 mistakes to avoid for good returns
*Disclaimer. Only for Information. Mutual Funds are subject to market risk
Monday, August 4, 2025
अमीर बनने का 'गोल्डन रूल'! उम्र के हिसाब से कितना पैसा बचाया? जानें 20 से 60 तक आप 'कितने पानी में हैं', ये रही पूरी गाइडलाइन
हर उम्र में सेविंग्स की जरूरत और तरीका अलग होता है. 20 से 60 की उम्र तक की फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए दशक-दर-दशक गाइड अपनाएं और भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाएं. यही है स्मार्ट मनी मैनेजमेंट का फॉर्मूला.
एक बात तो सच है कि टाइम के साथ हम सभी की आमदनी भले ही बढ़ती या घटती रहे, लेकिन सेविंग्स की आदत कभी नहीं छूटनी चाहिए. तो हर उम्र में फाइनेंशियल जरूरतें और जिम्मेदारियां बदलती हैं, इसलिए सेविंग्स का तरीका भी उसी के अनुसार होना चाहिए. लेकिन खास दशक-दर-दशक गाइड के जरिए आप जान सकते हैं कि 20 की उम्र से लेकर 60 की उम्र तक किस तरह से सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट करना चाहिए.तो अगर आप इसे सही तरीके से अपनाते हैं, तभी फ्यूचर में आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं.
20 की उम्र में: छोटी शुरुआत, लेकिन तुरंत शुरुआत करें
वैसे बचत की शुरुआत जितनी जल्दी हो, उतना बेहतर होता है. निवेश की रकम भले ही छोटी हो, लेकिन आदत ये बड़ी होती है. जी हां अगर आप सिर्फ ₹500 महीने की SIP से भी शुरुआत करते हैं, तो कंपाउंडिंग का जादू आपको फ्यूचर में करोड़ों का फंड दे सकता है.इसलिए सबसे जरूरी है कि अब से ही बचत और निवेश की आदत बना ली जाए – यही आपके फाइनेंशियल फाउंडेशन की पहली ईंट है.
30 की उम्र तक: सालाना सैलरी के बराबर सेविंग का लक्ष्य बनाएं
30 की उम्र तक आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग थोड़ा मजबूत हो जानी चाहिए. तो ऐसे में आप कोशिश करें कि आपकी कुल सेविंग कम से कम आपकी सालाना सैलरी के बराबर होना चाहिए. इसके लिए EPF (कर्मचारी भविष्य निधि), PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और म्यूचुअल फंड SIP जैसे भरोसेमंद इन्वेस्टमेंट ऑप्शन का सहारा लें. यह टारगेट आपकी फाइनेंशियल सुरक्षा को मजबूत आधार देगा और फ्यूचर की बड़ी जरूरतों के लिए तैयार रखेगा.
40 की उम्र में: कमाई का 25–30% बचाना बनाएं आदत
वैसे 40 की उम्र आमतौर पर जीवन की सबसे अधिक कमाई वाली उम्र होती है, इसलिए इस समय सभी का सेविंग्स पर खास रूप से फोकस जरूरी है.तो कोशिश करें कि अपनी आय का कम से कम 25–30% बचाएं. अब आपको बच्चों की उच्च शिक्षा, रिटायरमेंट प्लानिंग और हेल्थ इमरजेंसी जैसे खर्चों के लिए सुनियोजित इन्वेस्टमेंट करना चाहिए. इसके साथ ही अगर कोई लोन है, तो उसे समय रहते खत्म करना जरूरी है, ताकि फ्यूचर में फाइमेंशियल टेंशन से बचा जा सके.
50 की उम्र तक: बनाएं 4 से 6 गुना सैलरी का मजबूत फंड
50 की उम्र तक आते-आते आपको हम सभी को अपने रिटायरमेंट फंड की स्थिति का गंभीरता से कैलकुलेशन करना चाहिए. इस समय टारगेट साफ होना चाहिए कि आपने अपनी सालाना सैलरी के कम से कम 4 से 6 गुना तक की बचत कर ली हो. क्योंकि इस इज रिटायरमेंट ज्यादा दूर नहीं होता है, इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग में क्लियरनेस जरूरी है.इसके साथ ही, अगर कोई कर्ज या किसी भी तरह की और देनदारी हैं, तो उन्हें जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश करें ताकि रिटायरमेंट के बाद वित्तीय बोझ ना रहे.
60 की उम्र में: सुरक्षित और नियमित आय की प्लानिंग करें
60 की उम्र में आपकी प्राथमिकता पूंजी की सुरक्षा और एक स्थिर मासिक इनकम होनी चाहिए.तो इसलिए अब इस समय में रिस्क वाले निवेशों से हटकर सुरक्षित ऑप्शन जैसे सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS), एन्युटी प्लान या सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP) को अपनाना बेहतर होता है. इनसे आपको नियमित इनकम मिलती रहेगी.इसके साथ ही, इस उम्र में बढ़ते मेडिकल खर्चों को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत स्वास्थ्य बीमा होना बेहद ज़रूरी है, ताकि आप बिना चिंता के रिटायरमेंट का आनंद ले सकें.
इन बातों पर दें ध्यान
तो अगर आप हर दशक में थोड़ी सी समझदारी और अनुशासन से काम लें, तो ना केवल आप अपनी जिंदगी के बड़े टारगेट को आसानी से पूरा कर सकते हैं, बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी बिना किसी फाइनेंशियल बोझ के स्वतंत्र और सुकूनभरा जीवन जी सकते हैं. तो सही समय पर की गई छोटी-छोटी वित्तीय तैयारियां आगे चलकर बड़ा फर्क ला सकती हैं.(नोट-खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है, फ्यूचर की प्लानिंग करने से पहले किसी जानकार से सलाह लें)
FAQ
1️⃣ Q: 20 की उम्र में सेविंग्स की क्या रणनीति होनी चाहिए?
A: 20 की उम्र में कम से कम 20% इनकम सेविंग्स और SIP जैसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर फोकस करना चाहिए.
2️⃣ Q: क्या हर उम्र में सेविंग्स का तरीका अलग होना चाहिए?
A: हां, उम्र के साथ ज़रूरतें बदलती हैं, इसलिए सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी भी उसी अनुसार होनी चाहिए.
3️⃣ Q: 30 की उम्र में किन चीजों में निवेश करना चाहिए?
A: 30 की उम्र में गोल्ड, म्यूचुअल फंड्स, टर्म इंश्योरेंस और इमरजेंसी फंड तैयार करना जरूरी होता है.
4️⃣ Q: 40 की उम्र में सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट का फोकस क्या होना चाहिए?
A: इस उम्र में रिटायरमेंट प्लानिंग, चाइल्ड एजुकेशन और हेल्थ इंश्योरेंस पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
5️⃣ Q: 60 साल की उम्र तक आर्थिक रूप से मजबूत कैसे बनें?
A: दशक-दर-दशक सेविंग्स गाइड को अपनाकर और लगातार निवेश करते हुए, 60 की उम्र तक मजबूत फाइनेंशियल बेस बनाया जा सकता है.
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Magic of SIP: 5 हजार की SIP से इतने साल में बन जाएगा 3.5 करोड का फंड? ये रही पूरी कैलकुलेशन
Magic of SIP: अगर आपको कम राशि से बड़ी राशि बनानी है, तो इसके लिए आप म्युचुअल फंड की स्कीम में निवेश कर सकते हैं। यह एक ऐसी स्कीम होती है। अगर आप हर महीने ₹500, ₹600 रुपए भी महीने के निवेश (Invest) करते हैं। तो आप रिटायरमेंट तक करोड़पति बन सकते हैं। लोग इसीलिए निवेश करना चाहते हैं। ताकि उनको बुढ़ापे में किसी के ऊपर डिपेंड रहने की बिलकुल जरुरत नहीं हो सके।
इसके अलावा कई लोगों की अन्य वजह होती है। जिसके लिए वो बेस्ट स्कीम में निवेश करना पसंद करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अगर आपके पास हर महीने 25 हजार रुपए जमा करने की क्षमता है, तो आप केवल 16 से 17 साल में ही 2 करोड़ से ज्यादा फंड इकट्ठा कर सकते हैं। इसी वजह से लोग म्युचुअल फंड की एसआईपी (Mutual Fund SIP) में निवेश करना पसंद करते हैं।
कौन-सी स्कीम में निवेश करने पर मिलेगी टैक्स में छूट?
जो लोग शानदार रिटर्न के साथ टैक्स बेनिफिट का लाभ भी प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन निवेशकों को इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Savings Scheme) में निवेश करना चाहिए। मतलब कि आप अगर इन योजनाओं में निवेश करना चालू कर देते हैं, तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 80 के अंतर्गत हर साल 1 लाख 50 हजार रुपए तक का टैक्स में बेनिफिट मिलता है।
लेकिन ध्यान दीजिए अगर आप इसमें पैसा जमा करते हैं, तो इस स्कीम का जो लॉक इन पीरियड होता है। वह 3 साल का होता है। निवेशक टैक्स में छूट पाने के लिए एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड, एचडीएफसी ईएलएसएस टैक्स सेवर, मोतीलाल ओसवाल लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड, क्वांट टैक्स प्लान, कोटक टैक्स सेवर फंड जैसे स्कीम में निवेश (Investment) कर सकते हैं।
म्युचुअल फंड स्कीम में निवेश करने के फायदे क्या है?
आपको जैसे सरकारी योजनाओं में निवेश करने पर फायदे मिलते हैं। उससे अधिक और अच्छे फायदे सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करने पर मिलते हैं। जिनमें से सबसे ज्यादा फायदा आपको पैसे निवेश (Money Investment) करने पर मिलता है।
मतलब कि यहां पर 12% से लेकर 15% के बीच इंटरेस्ट मिलता है। आपने जिस स्कीम में निवेश किया है। उसमें आपको 15% से ज्यादा सालाना रिटर्न मिल सकता है। जमा राशि पर कंपाउंड ब्याज (Compound Interest) का लाभ भी मिलता है। जिससे कि, निवेशकों के पैसे हर साल बढ़ते ही जाते हैं।
5 हजार की SIP से इतने साल में बन जाएगा 3.5 करोड का फंड?
अगर आपको केवल 5 हजार रुपए की एसआईपी से 3 करोड़ 50 लाख रुपए का फंड (Fund) बनाना है, इसके लिए आपको कैलकुलेशन को समझना होगा। सबसे पहले निवेशकों को 32 साल तक लगातार 5 हजार रुपए की एसआईपी करनी होगी।
जिसके बाद 15 प्रतिशत ब्याज दर से 3 करोड़ 54 लाख 59 हजार 339 रुपए का फंड बनेगा। फिर जाकर आपको मैच्योरिटी पर 3 करोड़ 73 लाख 79 हजार 339 रुपए का रिटर्न (Return) मिलेगा।
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*mutual funds subject to market risk.
Saturday, August 2, 2025
मंथली SIP या Lumpsum का एकमुश्त दांव! स्मार्ट इन्वेस्टर कौन सा तरीका चुनकर कमाते हैं मुनाफा? कोई नहीं बताएगा ये सीक्रेट
ऐसे तमाम लोग हैं जो मार्केट में निवेश करके बेहतर मुनाफा तो कमाना चाहते हैं, लेकिन बाजार के जोखिम से घबराकर उसमें पैसा नहीं लगाते. उन्हें इस बात का डर रहता है कि कहीं उनका पैसा डूब न जाए. ऐसे लोगों के लिए काफी अच्छा ऑप्शन है Mutual Funds. मार्केट लिंक्ड इस स्कीम में सीधेतौर पर स्टॉक में पैसा लगाने की तुलना में कम जोखिम माना जाता है. लंबे समय में म्यूचुअल फंड्स के जरिए काफी अच्छा फंड तैयार किया जा सकता है. लेकिन इसमें निवेश करने के दो तरीके हैं. एक SIP यानी Systematic Investment Plan और दूसरा तरीका है Lumpsum. दोनों तरीकों के अपने अपने फायदे और नुकसान हैं. मुनाफा कमाने के लिए आपको कौन सा तरीका चुनना चाहिए? ये समझने के लिए आपको इनके फायदे और नुकसान को समझना होगा.
पहले बात SIP की
SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश का बेहद पॉपुलर तरीका है. एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आप अपनी सहूलियत के हिसाब से हर महीने एक निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं. आप इसकी शुरुआत 100 रुपए से भी कर सकते हैं.
SIP में Flexibility
एसआईपी का फायदा ये भी है कि इसमें आपको फ्लैक्सिबिलिटी मिल जाती है यानी आप अपनी आमदनी के हिसाब से इसमें निवेश को समय के साथ बढ़ा-घटा सकते हैं, इसे जरूरत पड़ने पर बीच में रोक सकते हैं और कभी भी पैसा विद्ड्रॉल कर सकते हैं.
एवरेजिंग का फायदा
एसआईपी का फायदा यह है कि आप बाजार के सभी तरह के उतार-चढ़ाव के बीच इसमें निवेश करते हैं. इससे आपको रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है. जब बाजार गिरता है तो आप अधिक यूनिट खरीदते हैं और जब बाजार बढ़ता है तो कम यूनिट खरीदते हैं, जिससे आपके निवेश की औसत लागत कम हो जाती है. इस कारण आपका निवेश एवरेज होता रहता है.
लंबे समय में मोटा फंड
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर आप SIP में लंबे समय के लिए पैसा लगाएं और आमदनी बढ़ने के साथ इसमें निवेश को थोड़ा-थोड़ा बढ़ाते रहें, साथ ही निवेश के मामले में अनुशासित रहें, तो एसआईपी के जरिए काफी मोटा फंड तैयार कर सकते हैं.
ये हैं नुकसान
हालांकि एसआईपी का नुकसान ये है कि इसमें आप बाजार में किसी बड़ी गिरावट का फायदा नहीं उठा पाते हैं. इसके अलावा अगर एसआईपी की कोई किस्त भूल जाते हैं तो आपको जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है.
अब बात LUMPSUM की
Lumpsum के जरिए जब आप म्यूचुअल फंड्स में एकमुश्त पैसा इन्वेस्ट करते हैं. एकमुश्त निवेश करने का फायदा ये है कि आप बाजार की स्थिति देखते हुए निवेश कर सकते हैं और इसके उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं. इसमें आप पर किसी तरह का जुर्माना वगैरह नहीं लगता.
Lumpsum के जरिए जब आप म्यूचुअल फंड्स में एकमुश्त पैसा इन्वेस्ट करते हैं. एकमुश्त निवेश करने का फायदा ये है कि आप बाजार की स्थिति देखते हुए निवेश कर सकते हैं और इसके उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं. इसमें आप पर किसी तरह का जुर्माना वगैरह नहीं लगता.
बम्पर मुनाफे की संभावना
Friday, August 1, 2025
TDS New Rules : FD करने वालों की हुई बल्ले- बल्ले,TDS के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, 1 अगस्त से होगा लागू
TDS New Rules : जैसा कि आप सभी लोगों को पता ही होगा कि 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सदन में पेश किया गया था। वहीं केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने टैक्स से जुड़े कई बदलाव का ऐलान भी किए थे। वहीं इसी कड़ी में टैक्स डिडक्टेड एक्ट सोर्स के नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। वही यह बदलाव 1 अगस्त 2025 में लागू किया जाएगा। वही इस बदलाव के बाद फिक्स डिपाजिट करने वाले निवेशकों को बहुत ही बाद राहत मिलने का संभावना है।
आप सभी को बता दे की टीडीएस कोर्स पर काटे जाने वाली टैक्स होते हैं। जब बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज एक निश्चित लिमिट से अधिक हो जाती है तो बैंक को टीडीएस काटने होते है और नॉन सीनियर सिटीजन के लिए अलग-अलग होते हैं। बता दे कि बजट में इन लिमिट्स को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव भी किए गए थे। ताकि बार-बार आने आवश्यक टीडीएस कटौती का सामना न करना पड़े आईए और जानते हैं। नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
TDS New Rules : सीनियर सिटीजन के लिए नई टीडीएस लिमिट हुआ लागू
सीनियर सिटीजन को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने इंटरेस्ट इनकम पर टीडीएस थ्रेसहोल्ड को दुगने कर दिए हैं। वही 1 अगस्त 2025 से बैंकों द्वारा टीडीएस केवल तभी काटे जाएंगे। जब टोटल इंटरेस्ट इनकम एक वित्तीय वर्ष में ₹100000 से अधिक होंगे।
वहीं इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी सीनियर सिटीजन की टोटल इंटरेस्ट इनकम इस लिमिट के भीतर रहते हैं तो कोई टीडीएस नहीं काटे जाएंगे। वही हम फिक्स डिपाजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और दूसरे सेविंग्स इंस्ट्रीमेंट्स से कमाए गए ब्याज पर लागू होते है।
TDS New Rules : सामान्य नागरिकों के लिए नई टीडीएस लिमिट हुआ लागू
बता दे की सामान्य नागरिकों के लिए इंश्योरेंस इनकम पर टीडीएस की लिमिट ₹40000 से बढ़कर ₹50000 कर दिए गए हैं। वहीं अगर टोटल इंटरेस्ट इनकम ₹50000 के भीतर रहते है तो कोई टीडीएस नहीं काटे जाएंगे। वही यह बदलाव उन व्यक्तियों पर टैक्स का बोझ कम करने के मकसद से किए गए हैं।
जो फिक्स्ड डिपॉजिट के ब्याज से कमाई पर निर्भर रहते है। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
सरकार ने लॉटरी से जुड़ी टीडीएस नियमों को बना दिए सरल
बता दे की सरकार में लॉटरी से जुड़े टीडीएस नियमों को सरल बना दिए हैं। वही पहले एक साल में टोटल जीत₹10000 से अधिक होने पर टीडीएस काटे जाते थे। वहीं अब टीडीएस केवल तभी काटे जाएंगे। जब एक ट्रांजेक्शन ₹10000 से अधिक होंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से
इंश्योरेंस कमिशन
बता दे की इंस्योरें, एजेंट और ब्रोकरों को अब हायर टीडीएस थ्रेसहोल्ड का फायदा मिलेंगे। वही इंश्योरेंस कमिशन पर टीडीएस की लिमिट को ₹15000 से बढ़कर ₹20000 कर दिए गए हैं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
म्युचुअल फंड्स और शेयर
आप सभी को बताने की म्युचुअल फंड्स और शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों को अब हायर एग्जेम्पशन लिमिट का फायदा मिलेंगे। वही डिविडेंड इनकम पर टीडीएस की थ्रेसहोल्ड को ₹5000 से बढ़कर ₹10000 कर दिए गए हैं।
Investment In SIP: हर महीने 1800 रुपए की SIP करेंगे तो, 48 महीने के बाद कितना रिटर्न मिलेगा? समझें पूरी कैलकुलेशन
Investment In SIP: लोग कई बार सोचते हैं काश में भी अमीर बन सकता। लेकिन अमीर बनना भी इतना आसान नहीं होता है। कुछ तो लोग ऐसे होते हैं, जो पैसे कमाने के लिए खुद का बिजनेस चालू करते हैं। परंतु उसमें भी हमें सफलता मिलेगी या नहीं यह तो हम बात नहीं कह सकते। और एक बात अगर हम व्यवसाय शुरू करते हैं, तो उसमें निवेश भी लगता है और बिजनेस नहीं चला तो नुकसान भी हो जाता है।
इसलिए आज हम उन लोगों के लिए एक ऐसा कैलकुलेशन लाया है। जिसे अगर आप सही तरीके से समझ लेते हैं। तो आप कुछ ही महीनों में लाखों रुपए का रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। जी हां दोस्तों खास बात है कि आपको वन टाइम पैसे इन्वेस्ट (Money Investment) करने की जरूरत नहीं होती। आप अपनी मासिक सैलरी से कुछ पैसे ही निवेश करने होते हैं। जिसके बाद आपको अकाउंट परिपक्व होने के बाद लाखों का रिटर्न मिलता है।
क्या होती है म्युचुअल फंड की एसआईपी?
जिन लोगों को म्युचुअल फंड के बारे में कुछ भी पता नहीं है, तो उनको बता दे की म्युचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Scheme) में आप लोगों को एसआईपी के माध्यम से निवेश करना होता है। यहां पर निवेशक 500 रुपए से निवेश करना शुरू कर सकते हैं। इसकी खासियत यही है कि आप कितने भी रुपए निवेश करके लाखों या फिर करोड़ों रूपयों का फंड इकट्ठा कर सकते हैं।
लेकिन इतना सारा फंड इकट्ठा करने के लिए आपको लॉन्ग टर्म के लिए निवेश (Investmen) करना होता है। लेकिन यहां पर जो लोग शॉर्ट टर्म के लिए पैसे जमा करना चाहते हैं। तब भी वह मैच्योरिटी पर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि, निवेश राशि पर 12 फ़ीसदी से लेकर 15 फ़ीसदी या फिर इससे ज्यादा ब्याज मिल सकता है।
एसआईपी की विशेषताएं क्या है?
जो लोग हर महीने पैसे निवेश नहीं कर सकते हैं, तो वो लोग 3 महीने मिलकर पैसे जमा कर सकते हैं। इसके अलावा इसी जमा राशि पर आप लोगों को कंपाउंड इंटरेस्ट (Compound Interest) का लाभ दिया जाता है। अगर आपको कंपाउंड इंटरेस्ट मिलता है, तो इसका एक अच्छा फायदा होता है। मतलब की आपको मैच्योरिटी पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलता है।
यदि आप करोड़पति बनना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको लंबे समय तक निवेश करना होगा। खासियत की बात करें तो आप महज 500 रुपए की राशि से 39 सालों में एक करोड़ से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। फ्लेक्सिबल एसआईपी में निवेश (Flexible SIP Investment) करने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने मुताबिक निश्चित राशि और निश्चित अवधि को कभी भी बदल सकता है।
1800 रुपए की SIP करेंगे तो, 48 महीने के बाद कितना रिटर्न मिलेगा?
कोई भी व्यक्ति अगर म्युचुअल फंड की एसआईपी (Mutual Fund SIP) में 48 महीनों के लिए 1800 रुपए की SIP लगातार करता है, तो उनको 15 प्रतिशत इंटरेस्ट रेट के मुताबिक 30 हजार 33 रुपए ब्याज मिलता है। जबकि, मैच्योरिटी पर पूरी रकम 1 लाख 16 हजार 433 रुपए मिलेगी।
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Thursday, July 31, 2025
Mutual Fund SIP: 3, 4, 5, 6 हजार की SIP से 10 सालों में कितना रिटर्न मिलेगा? यहां देखें कैलकुलेशन
Mutual Fund SIP: 3, 4, 5, 6 हजार की SIP से 10 सालों में कितना रिटर्न मिलेगा? यहां देखें कैलकुलेशन
Mutual Fund SIP: बहुत सारे निवेशक म्युचुअल फंड की एसआईपी में निवेश करने का देखते हैं। परंतु उनको कितना पैसा निवेश करना चाहिए और कितना नहीं, यह समझ नहीं आता। इसी कारण अलग-अलग पैसों की एसआईपी करने पर 10 साल में कितना रिटर्न मिलता है? इसका पूरा कैलकुलेशन आपको नीचे बताया गया है।
इस कैलकुलेशन की मदद से निवेशकों को आसानी से समझ आएगा। कि कितने रुपए की एसआईपी करने पर कितने रुपए का फंड मिलता है। इसके अलावा निवेश करने वाले व्यक्तियों को यहां पर अलग-अलग SIP में निवेश (SIP Investment) करने के ऑप्शन भी मिलते हैं। आप लोगों को यहां जितने चाहे, उतने सालों के लिए पैसा जमा करने की अनुमति दी जाती हैं।
₹3000 की SIP से 10 सालों में कितना मिलेगा रिटर्न ?
आप लोगों को यहां उदाहरण के तौर पर इस हिसाब को समझाया जा रहा है। मान लीजिए आप 10 सालों के लिए 3 हजार रुपए एसआईपी में निवेश (Invest) करते हैं।
तो आप लोगों को 15 प्रतिशत ब्याज दर के मुताबिक मैच्योरिटी पर 4 लाख 29 हजार 55 रुपए का ब्याज मिलेगा। जबकि, यहां पर टोटल रकम 7 लाख 89 हजार 55 रुपए मिलेगी।
₹4000 की एसआईपी करें, 10 साल में मिलेगा इतना रिटर्न
मान लीजिए आप 4 हजार रूपए की एसआईपी 10 सालों के लिए निरंतर करते रहते हैं। तो आपको इन 10 सालों में पूरी अमाउंट 4 लाख 80 हजार रुपए निवेश करनी होगी।
फिर आपको इसी जमा राशि (Amount) पर 15 प्रतिशत ब्याज दर के हिसाब से 5 लाख 72 हजार 73 हजार रुपए इंटरेस्ट मिलेगा और वहीं मैच्योरिटी पर पूरा रिटर्न 10 लाख 52 हजार 73 रुपए मिलेगा।
10 सालों तक ₹5000 की एसआईपी करने पर कितना मिलेगा रिटर्न?
अगर कोई निवेशक (Investor) कम समय में ज्यादा बंपर रिटर्न चाहते हैं, तो उनको हर महीने एसआईपी में 5 हजार रुपए की रकम 10 सालों तक लगातार निवेश करनी होगी।
जिसके बाद आपको 15 प्रतिशत सालाना ब्याज दर के मुताबिक 7 हजार 15 हजार 91 रुपए का केवल ब्याज मिलेगा। जबकि, मैच्योरिटी पर 13 लाख 15 हजार 91 रुपए का टोटल रिटर्न मिलेगा।
10 सालों के लिए ₹6000 की एसआईपी करने पर कितना रिटर्न मिलेगा?
जो भी व्यक्ति जमा राशि पर ज्यादा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं, वो म्युचुअल फंड की एसआईपी में निवेश (Investment) कर सकते हैं। अगर उदाहरण के लिए यदि आप 10 सालों के लिए 6 हजार रुपए की एसआईपी करते हैं।
तो आपको 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष इंटरेस्ट के मुताबिक आप लोगों को 8 लाख 58 हजार 109 रुपए का अनुमानित ब्याज प्रदान किया जाता हैं और वहीं 15 लाख 78 हजार 109 रुपए का पूरा रिटर्न मिलता है।
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Friday, July 25, 2025
10×12×30 के SIP फॉर्मूले में छिपा है निवेश का जादू, अब 50 हजार सैलरी वाले भी बना पाएंगे 3 करोड़ का फंड
अगर आपकी सैलरी 50 हजार रुपए है और आप हर महीने 10 हजार की SIP करते हैं, तो 30 साल में आप 12% रिटर्न पर करीब 3 करोड़ रुपए का फंड बना सकते हैं.
अगर आप सोचते हैं कि करोड़ों का फंड तैयार करने के लिए बड़ी सैलरी या बड़ा बिज़नेस चाहिए, तो अब सोच बदलने की ज़रूरत है. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए एक मिडल क्लास व्यक्ति भी लॉन्ग टर्म में करोड़ों का फंड बना सकता है.
खासतौर पर, अगर आपकी सैलरी 50 हजार रुपए महीना है और आप उसमें से सिर्फ 10 हजार रुपए हर महीने SIP में लगाते हैं, तो आप 30 साल में 3 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का फंड तैयार कर सकते हैं.
SIP का 10×12×30 फॉर्मूला क्या है?
इस फॉर्मूले को समझना बेहद आसान है. इसका मतलब है, 10 हजार रुपए हर महीने निवेश करना है 30 सालों तक, यानी कुल निवेश 36 लाख का. अगर आप हर महीने 10 हजार रुपए म्यूचुअल फंड की SIP में निवेश करते हैं, तो सालाना आपका निवेश 1.2 लाख रुपए होगा. 30 साल में यह निवेश कुल मिलाकर 36 लाख रुपए बन जाएगा.
अब मान लीजिए कि इस SIP पर आपको सालाना 12% का रिटर्न मिलता है, जो अच्छे इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में लंबी अवधि के लिए एक व्यवहारिक अनुमान है तो कंपाउंडिंग की ताकत से यह 36 लाख का निवेश बढ़कर 3,08,09,732 का फंड बन जाएगा.
रिटर्न कितना और कैसे मिला?
इस उदाहरण में कुल निवेश 36 लाख रुपए है. लेकिन आपको मिलने वाला रिटर्न लगभग 2.72 करोड़ रुपए है. यह सारा फर्क कंपाउंडिंग की वजह से आता है. कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपके पैसे पर जो ब्याज मिलता है, अगली बार उस ब्याज पर भी ब्याज जुड़ता है. जब आप SIP को लंबे समय तक लगातार करते हैं, तो यह कंपाउंडिंग साल दर साल बढ़ती जाती है. यही कारण है कि शुरुआत में पैसा धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन 15-20 साल बाद यह तेजी से बढ़ता है.
50 हजार की सैलरी में 10 हजार की SIP कैसे संभव?
बहुत से लोगों को लगता है कि उनकी सैलरी कम है, तो वे SIP नहीं कर सकते. लेकिन 50 हजार रुपए महीने की सैलरी में 10 हजार की SIP करना पूरी तरह मुमकिन है, अगर आप अपने खर्चों की प्लानिंग थोड़ा समझदारी से करें. जरूरत की चीज़ों और फालतू खर्चों के बीच फर्क समझिए. खाने, रहने और EMI के बाद अगर आप 20% भी बचा पाएं, तो वह SIP के लिए काफी है. एक बार आदत बन जाए तो धीरे-धीरे इसमें और इजाफा भी किया जा सकता है.
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(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
Saturday, July 12, 2025
Top Traits of a Successful Mutual Fund Investor
Habits of Successful Investors
Top Traits of a Successful Mutual Fund Investor
Successful investing isn't solely about picking winning mutual funds or stocks. True success hinges on developing the key habits of a successful investor. This blog highlights five essential traits of successful investors: having a clear purpose, managing risk wisely, staying patient and disciplined, avoiding emotional biases, and seeking the right guidance. By embracing these qualities, you can navigate market complexities with confidence and build a stronger, more consistent investment journey tailored to your financial needs.
Introduction
Investing is as much a mental game as it is a financial one. The market moves in cycles and often shifts in ways that are hard to predict. People who invest are often influenced by emotion more than by steady thinking. But those who build wealth over time aren’t always the ones with the most money. They’re the ones who think in decades, not days, and stay focused through uncertainty. A successful investor relies on patience, discipline, and a strong sense of what holds real value. Instead of following what’s loud or popular, they stay connected to what truly matters. They do not get swept away by trends. They remain steady when others rush. Real progress takes time, and it grows through quiet consistency, not sudden moves. It takes clarity, emotional balance, and the patience to stay with something long enough to see it grow.
Let’s now uncover five key traits that shape such investors, and how you can build them too.
5 Key Traits of a Smart Investor
1. Clear Investment Purpose
The first mark of a successful investor is having a clear purpose. If you don’t know why you are investing, it becomes difficult to decide how much to invest, where to invest, and for how long. Some invest for retirement, others for their children’s higher education, and some for financial independence. When your purpose is clear, you stay motivated to invest with discipline and can steer your financial journey in the right direction.
2. Understanding and Managing Risk
A successful investor doesn’t just invest money but also understands the risk-taking capacity. Everyone has a different risk tolerance; some can take high risks for better returns, others prefer moderate risks for stable gains, while some are conservative, prioritising capital safety even if it means lower returns. That’s why understanding your risk profile is essential for choosing the right investment strategy.
3. Patience and Discipline for Better Compounding
In investing, discipline and patience are the secret ingredients to long-term growth. Successful investor habits include not panicking during market dips. They continue investing regularly, stay focused on the long term, and allow compounding to work its magic. Staying consistent in every market condition helps build a stronger portfolio and brings better results over time.
4. Free from Emotional Biases
The most successful investors know how to stay emotionally disciplined, whether it’s resisting the fear during market dips or avoiding the greed of over-investing in a rally. Emotional decisions often lead to regret. That’s why they stay mindful of common biases like:
Loss Aversion: Holding on to poor investments just to avoid realising a loss.
Confirmation Bias: Only accepting information that supports their existing beliefs.
Overconfidence: Tendency to overestimate one's own abilities, knowledge, or accuracy.
By staying grounded, they focus on long-term growth instead of short-term market noise. This balance of logic over emotion reflects strong investment psychology, helping them stay steady even when markets fluctuate.
5. Seek the Right Guidance
A successful investor knows that making decisions based on assumptions is a risky proposition. The investment journey becomes truly successful when it is guided by the right knowledge and support. Without proper understanding, decisions inevitably lead to confusion and challenges. That’s why smart investors always seek help from a mutual fund distributor, not just for guidance, but for support at every step. The right guidance not only helps avoid mistakes but also empowers informed decisions that drive long-term success.
CONCLUSION
Investing may seem intimidating at first, but adopting these traits of successful investors can empower you to build a solid financial foundation and navigate market fluctuations with greater confidence. By following the above key traits and a successful investor’s mindset, you're not just investing, you're building great wealth in the long term. Here’s to making wise choices and experiencing lasting success in your investment journey.
Mutual Fund investments are subject to market risks, read all scheme related documents carefully.
Clik Here To: Open Your Mutual Fund Account and Start your SIP / Invest Lumpsum
Tuesday, July 8, 2025
Mutual Fund SIP: ₹5,000 महीने की SIP से 10 साल में कितना रिटर्न मिलेगा? कैलकुलेशन देखे यहां
शौक भी रहेंगे जिंदा और जेब भी रहेगी भरी! बिना Lifestyle घटाए पैसे बचाने के 5 'जादुई' तरीके, तीसरा वाला आज से ही शुरू करें
Monday, July 7, 2025
Mutual Fund SIP: ₹1000, ₹2000, ₹3000, ₹4000 और ₹5000 की SIP से 15 साल में कितना मिलेगा?
Mutual Fund SIP
Mutual Fund SIP: अगर आप कम आय वाले व्यक्ति हैं या छोटी-छोटी बचत करके भविष्य के लिए बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, तो SIP यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। इसमें आप हर महीने एक तय राशि निवेश करते हैं, जो समय के साथ बड़ा फंड बनाती है।
SIP में कंपाउंडिंग (Compounding) का जादू काम करता है – यानी आपका पैसा पैसा कमाता है और धीरे-धीरे एक बड़ी रकम बन जाती है। खास बात ये है कि इसमें आप सिर्फ ₹1000 से भी शुरुआत कर सकते हैं। अब हम आपको बताते हैं कि ₹1000, ₹2000, ₹3000, ₹4000 और ₹5000 की SIP से 15 साल में कितना फंड बनेगा।
SIP क्या है और ये क्यों जरूरी है?
SIP एक ऐसा तरीका है जिससे आप हर महीने एक तय रकम म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। यह निवेश अपने आप आपके बैंक खाते से कटता है और एक फिक्स तारीख को म्यूचुअल फंड में चला जाता है। इसमें आपको शेयर मार्केट की जानकारी नहीं हो तब भी कोई परेशानी नहीं है क्योंकि ये प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा चलाए जाते हैं।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह निवेश अनुशासन सिखाता है, और छोटे निवेश से भी आप लंबी अवधि में लाखों रुपये का फंड बना सकते हैं।
₹1000 से ₹5000 की SIP पर 15 साल में कितना मिलेगा?
यहां हम मान रहे हैं कि आपको हर साल औसतन 14% का रिटर्न मिल रहा है, जो एक सामान्य अनुमान है। नीचे दी गई टेबल में पूरी जानकारी दी गई है:
हर महीने की SIP 15 साल में कुल निवेश अनुमानित ब्याज (14%) मैच्योरिटी अमाउंट
₹1000 ₹1,80,000 ₹3,85,207 ₹5,65,207
₹2000 ₹3,60,000 ₹7,70,414 ₹11,30,414
₹3000 ₹5,40,000 ₹11,55,621 ₹16,95,621
₹4000 ₹7,20,000 ₹15,40,829 ₹22,60,829
₹5000 ₹9,00,000 ₹19,26,036 ₹28,26,036
यह आंकड़े अनुमान पर आधारित हैं। वास्तविक रिटर्न फंड की परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है।
लंबे समय में छोटा निवेश कैसे बड़ा फंड बनाता है?
मान लीजिए आपने ₹3000 प्रति माह की SIP की शुरुआत की, तो शुरुआत में लग सकता है कि ये बहुत कम रकम है, लेकिन जैसे-जैसे साल बीतते हैं और कंपाउंडिंग बढ़ती है, आपके निवेश पर रिटर्न भी बढ़ता है। यही ताकत है SIP की – जो छोटे निवेश को भी बड़ा फंड बना सकती है।
कब और कैसे करें शुरुआत?
आप किसी भी म्यूचुअल फंड हाउस या भरोसेमंद ऐप जैसे Zerodha Coin, Groww, Paytm Money, ET Money या Kuvera से SIP की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए केवल आपका PAN कार्ड, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट की जरूरत होती है।
SIP आप 1 साल, 5 साल या 10 साल के लिए कर सकते हैं, लेकिन अगर आप 15 साल या उससे ज्यादा समय के लिए निवेश करते हैं, तो आपको शानदार रिटर्न
निष्कर्ष
अगर आप हर महीने ₹1000 से ₹5000 तक बचा सकते हैं, तो SIP आपके लिए एक बहुत ही अच्छा तरीका है भविष्य के लिए फंड बनाने का। 15 साल के अंदर आप लाखों रुपये जमा कर सकते हैं वो भी बिना किसी बड़े रिस्क के।
तो देर किस बात की? आज ही एक छोटी SIP से शुरुआत करें और अपने सपनों को साकार करने की ओर कदम बढ़ाएं।
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Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह जरूर लें। म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन हैं। दस्तावेज पढ़कर ही निवेश करें
Saturday, July 5, 2025
SIP या Lumpsum, Mutual Fund में निवेश के लिए क्या है सही? आपको क्या चुनना चाहिए
Mutual Fund SIP vs Lump Sum म्यूचुअल फंड अपने बेहतरीन रिटर्न के चलते निवेशकों के बीच काफी पॉपुलर है। इसमें आप कई तरीकों से निवेश कर सकते हैं। आज हम जानेंगे कि म्यूचुअल फंड में निवेश के दो विकल्प एसआईपी और लमसम क्या है। आपके लिए कौन-सा बेहतर है। इसके साथ ही आपको कौन-सा विकल्प चुनना चाहिए।
आज लोग बढ़-चढ़कर अपने पोर्टफोलियो में म्यूचुअल फंड को भी शामिल कर रहे हैं। इसमें न्यूनतम अनुमानित 12 से 14 फीसदी रिटर्न मिलता है। म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए दो विकल्प काफी मशहूर है। इनमें लमसम और एसआईपी (Mutual Fund SIP vs Lump Sum) दोनों शामिल हैं।
पहले इन दोनों के बारे में जानते हैं। फिर जानेंगे कि आपके लिए कौन-सा बेहतर विकल्प रहेगा।
Mutual Fund Lump Sum क्या है?
लमसम का अर्थ हुआ इकट्ठा या एकमुश्त। किसी भी म्यूचुअल फंड में आप एकमुश्त पैसा निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक बड़ा अमाउंट चाहिए होता है। ये एक तरह से शेयर खरीदने जैसा है। एक बार निवेश करने के बाद अगर आप दोबारा उसी फंड में निवेश करना चाहते हो, तो कर सकते हैं। इसमें कोई समय सीमा नहीं होती।
Mutual Fund SIP क्या है?
एसआईपी (Systematic Investment Plan) म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे आसान तरीका है। एसआईपी से आज हर कोई वाकिफ है। एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए आप किस्तों में पैसे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
आज आप महज 100 रुपये के साथ भी एसआईपी शुरू कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड के अलावा आप ईटीएफ और शेयर भी एसआईपी यानी किस्त में पर्चेज कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड एसआईपी में आपको कई तरह की सुविधा मिलती है। जैसे Step-up के जरिए एक निर्धारित समय में निश्चित अमाउंट की बढ़ोतरी करना। इसके साथ ही आर्थिक संकट पड़ने पर आप ये एसआईपी बंद भी कर सकते हैं।
आप इक्विटी, डेट और हाइब्रिड किसी भी फंड में एसआईपी के जरिए निवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही आप निवेश अमाउंट को अपनी सैलरी के अनुसार तय कर सकते हैं।
आपके लिए क्या बेहतर है?
अगर किसी व्यक्ति को शेयर बाजार के बारे में अच्छी समझ है। इसके साथ ही वे मोटा फंड निवेश करना चाहता है, तो म्यूचुअल फंड लमसम का ऑप्शन चुन सकता है। अब सवाल ये आता है कि फिर किसी शेयर को खरीदना और म्यूचुअल फंड लमसम में क्या अंतर हुआ।
म्यूचुअल फंड के अंतर्गत आप शेयर की तरह एकमुश्त पैसा दे रहे हैं, लेकिन इसमें आप एक शेयर पर नहीं, बल्कि अलग-अलग Asset class में निवेश कर रहे हैं। एसेट क्लास के अंतर्गत इक्विटी, बॉन्ड, डेट, रियल एस्टेट इत्यादि शामिल हैं।
लेकिन अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते और न ही शेयर बाजार के बारे में जानकारी है, तो एसआईपी का ऑप्शन चुन सकते हैं।
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*म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन है कृप्या निवेश से पहले डॉक्यूमेंट ध्यान से पढे़
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