म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पैसा घटने पर मन तो करता होगा SIP रोकने का, लेकिन करना क्या चाहिए?
जब म्यूचुअल फंड में पैसा घटता है तो SIP रोकने का मन करता है, लेकिन ऐसा करना लंबे वक्त के फायदे छीन सकता है। बाजार उतार-चढ़ाव भरा होता है, और गिरावट के वक्त भी SIP जारी रखना निवेश के औसत लागत को कम करता है और रिटर्न बढ़ा सकता है।
Mutual Fund SIP: इन दिनों स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही है, जिससे माहौल और भी खराब हुआ है। ऐसे में बहुत से म्यूचुअल फंड निवेशक सोच रहे हैं कि "क्या SIP चालू रखना ठीक है या रोक देना चाहिए?"
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स साफ कहते हैं कि मार्केट की गिरावट देखकर SIP बंद करना गलत कदम हो सकता है। SIP का असली फायदा तो इसी में है कि आप बाजार के हर उतार-चढ़ाव में नियमित निवेश करते रहें।
1. रुपये कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा उठाइए
जब आप हर महीने, पंद्रह दिन या तिमाही में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड की यूनिट्स अलग-अलग दामों पर खरीदते हैं। इससे आपके खरीदने की औसत कीमत कम हो जाती है और फायदा कमाने के मौके बढ़ जाते हैं। यही तरीका ‘रुपये कॉस्ट एवरेजिंग’ कहलाता है।
अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेस की फाउंडर प्रीति जेंडे बताती हैं, “SIP का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें तय समय पर तय रकम निवेश होती रहती है। इससे जब मार्केट नीचे होता है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं और जब ऊपर होता है, तो कम यूनिट्स मिलती हैं। इससे लॉन्ग टर्म में अच्छा फायदा होता है।”
2. मार्केट की चाल का हिस्सा है उतार-चढ़ाव
मार्केट में गिरावट एक आम बात है और इसे लेकर घबराना नहीं चाहिए। हां, ये सच है कि पोर्टफोलियो में रोज की गिरावट देखना मुश्किल होता है, लेकिन SIP बंद करना इसका हल नहीं है। प्रीति जेंडे कहती हैं, “नए निवेशक जब पहली बार इतनी गिरावट देखते हैं तो घबरा जाते हैं, लेकिन यही समय होता है ज्यादा यूनिट जुटाने का।”
3. SIP बंद की तो फाइनेंशियल गोल्स पूरे नहीं होंगे
SIP का मकसद सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं होता, बल्कि आपके फाइनेंशियल गोल्स पूरे करना होता है जैसे बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना, रिटायरमेंट की प्लानिंग वगैरह। ऐसे में मार्केट के झटकों की वजह से SIP रोकना नुकसानदायक हो सकता है।
4. लंबी अवधि में बाजार देता है रिटर्न
मार्केट चाहे कितना भी गिरे, लंबी अवधि में वह वापस उभरता है। उदाहरण के लिए, 2024 में भले ही बाजार में करेक्शन आया हो, लेकिन फिर भी सेंसेक्स ने पूरे साल में करीब 8% रिटर्न दे ही दिया। 2016 से अब तक सेंसेक्स ने हर साल पॉजिटिव रिटर्न दिया है।
“अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो मार्केट में गिरावट के वक्त SIP चालू रखना ही सबसे अच्छा समय होता है। इससे आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं, और जब बाजार सुधरता है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू तेजी से बढ़ती है।”
मार्केट की गिरावट के वक्त SIP को बंद करना एक मौका गंवाने जैसा है। अगर आप वाकई अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को लेकर गंभीर हैं, तो निवेश जारी रखें और छोटी-छोटी गिरावटों से घबराएं नहीं।
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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।
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