

If you liked this article, share it with your friends in social networks Thanks Comments
10×12×30 के SIP फॉर्मूले में छिपा है निवेश का जादू, अब 50 हजार सैलरी वाले भी बना पाएंगे 3 करोड़ का फंड
अगर आपकी सैलरी 50 हजार रुपए है और आप हर महीने 10 हजार की SIP करते हैं, तो 30 साल में आप 12% रिटर्न पर करीब 3 करोड़ रुपए का फंड बना सकते हैं.
अगर आप सोचते हैं कि करोड़ों का फंड तैयार करने के लिए बड़ी सैलरी या बड़ा बिज़नेस चाहिए, तो अब सोच बदलने की ज़रूरत है. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए एक मिडल क्लास व्यक्ति भी लॉन्ग टर्म में करोड़ों का फंड बना सकता है.
खासतौर पर, अगर आपकी सैलरी 50 हजार रुपए महीना है और आप उसमें से सिर्फ 10 हजार रुपए हर महीने SIP में लगाते हैं, तो आप 30 साल में 3 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का फंड तैयार कर सकते हैं.
SIP का 10×12×30 फॉर्मूला क्या है?
इस फॉर्मूले को समझना बेहद आसान है. इसका मतलब है, 10 हजार रुपए हर महीने निवेश करना है 30 सालों तक, यानी कुल निवेश 36 लाख का. अगर आप हर महीने 10 हजार रुपए म्यूचुअल फंड की SIP में निवेश करते हैं, तो सालाना आपका निवेश 1.2 लाख रुपए होगा. 30 साल में यह निवेश कुल मिलाकर 36 लाख रुपए बन जाएगा.
अब मान लीजिए कि इस SIP पर आपको सालाना 12% का रिटर्न मिलता है, जो अच्छे इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में लंबी अवधि के लिए एक व्यवहारिक अनुमान है तो कंपाउंडिंग की ताकत से यह 36 लाख का निवेश बढ़कर 3,08,09,732 का फंड बन जाएगा.
रिटर्न कितना और कैसे मिला?
इस उदाहरण में कुल निवेश 36 लाख रुपए है. लेकिन आपको मिलने वाला रिटर्न लगभग 2.72 करोड़ रुपए है. यह सारा फर्क कंपाउंडिंग की वजह से आता है. कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपके पैसे पर जो ब्याज मिलता है, अगली बार उस ब्याज पर भी ब्याज जुड़ता है. जब आप SIP को लंबे समय तक लगातार करते हैं, तो यह कंपाउंडिंग साल दर साल बढ़ती जाती है. यही कारण है कि शुरुआत में पैसा धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन 15-20 साल बाद यह तेजी से बढ़ता है.
50 हजार की सैलरी में 10 हजार की SIP कैसे संभव?
बहुत से लोगों को लगता है कि उनकी सैलरी कम है, तो वे SIP नहीं कर सकते. लेकिन 50 हजार रुपए महीने की सैलरी में 10 हजार की SIP करना पूरी तरह मुमकिन है, अगर आप अपने खर्चों की प्लानिंग थोड़ा समझदारी से करें. जरूरत की चीज़ों और फालतू खर्चों के बीच फर्क समझिए. खाने, रहने और EMI के बाद अगर आप 20% भी बचा पाएं, तो वह SIP के लिए काफी है. एक बार आदत बन जाए तो धीरे-धीरे इसमें और इजाफा भी किया जा सकता है.
अपना Mutual Fund SIP स्टार्ट शुरू करने के लिए यहाँ क्लिक करें
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
हर माह 7 हजार एसआईपी या 5 लाख के एकमुश्त निवेश से जुटाएं 20 लाख
अनुज एक नौकरी करते हैं। उन्हें और उनकी पत्नी रिया को बेटी मायरा के प्री-स्कूल में एडमिशन के दौरान अहसास हुआ कि बच्चों की पढ़ाई साल दर साल कितनी महंगी होती जा रही है। अनुज को अभी से अपनी बेटी की ग्रेजुएशन की पढ़ाई की चिंता सताने लगी है। वो अगर बेटी के 12वीं पास करने के बाद उसके कॉलेज की फीस को लेकर परेशान नहीं होना चाहते तो उन्हें अभी से उसके लिए फंड जुटाना शुरू करना होगा। मान लीजिए कि मौजूदा दौर में ग्रेजुएशन की पढ़ाई का खर्च करीब 10 लाख रुपए है। ऐसे में सालाना 6% महंगाई दर के हिसाब से 12 वर्षों के बाद उन्हें 20 लाख रुपए से ज्यादा यानी अभी से कम से कम दोगुनी रकम की जरूरत होगी।
किस तरह से तैयारी करनी चाहिए? अनुज के लिए एक्शन प्लान
1. अभी से एसआईपी शुरू करें बिना किसी देरी के मायरा के ग्रेजुएशन का फंड जुटाने के लिए 7,000 रुपए की मासिक एसआईपी शुरू करें।
2. एकमुश्त निवेश का विकल्प अनुज के पास अगर फंड है तो वे एसआईपी की जगह किसी अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम में 5 लाख रुपए का एकमुश्त निवेश कर सकते हैं।
3. निवेश में विविधता लाएं
लार्ज कैप, मिड कैप, फ्लेक्सी कैप और मल्टी कैप फंड जैसी कैटेगरी का हेल्दी बैलेंस बनाकर एसआईपी करें। अभी स्मॉल कैप या थीमैटिक फंड से दूर रहें।
4. 12% रिटर्न की उम्मीद करें
म्यूचुअल फंड की लार्ज कैप, मिड कैप, फ्लेक्सी कैप और मल्टी कैप स्कीम्स ने बीते वर्षों औसतन 12-14% सालाना
ग्रेजुएशन का खर्च जुटाने के लिए प्लान
विवरण रकम
जरूरी रकम 20 लाख रुपए है
निवेश की अवधि 12 साल
मासिक एसआईपी 7,000 रुपए
या एकमुश्त जमा 5 लाख रुपए
अनुमानित रिट्टरन 12℅ सालाना
रिटर्न दिया है। आप सालाना 12% औसत रिटर्न की उम्मीद करें। इससे भी अगले 12 साल में करीब 20 लाख रुपए जमा हो सकते हैं, जो आपका लक्ष्य है।
5. स्कूल फीस की प्लानिंग
अनुज को अपने वेतन का एक हिस्सा डेट फंड, लिक्विड फंड, आर्बिट्रेज फंड या बैंक एफडी में निवेश करना चाहिए । वह 5 लाख रुपए क़ी एकमुश्त रकम में से कुछ हिस्से का इस्तेमाल स्कूल की सालाना फीस के लिए भी कर सकते हैं। अभी शिक्षा की महंगाई दर करीब 4% है। समय के साथ खर्च ज्यादा बढ़ सकता है। अगर विदेश में पढ़ाने की योजना है तो अधिक पैसे की जरूरत होगी । मेडिकल, इंजीनियरिंग के लिए फंड की जरूरत और ज्यादा हो सकती है।
6. सुरक्षा का इंतजाम करें मायरा की शिक्षा में भविष्य में कोई वित्तीय बाधा न आए, यह पक्का करने के लिए अनुज को अपने लिए लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहिए और एक मजबूत इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए।
7. पोर्टफोलियो रिव्यू करें पोर्टफोलियो को हमेशा लक्ष्यों के अनुरूप बनाए रखने के लिए समय-समय पर उसकी समीक्षा करते रहें। जरूरत पड़ने पर उसमें बदलाव या एडजस्टमेंट करें।
आज ही अपना / अपने परिवार के सदसयो का mutual fund खाता खोलें और निवेश करें!
खाता खोलने के लिए इस लिंक 🔗 पर क्लिक करें|
Mutual Fund Distributor - Gurvinder Singh Rattan. Founder GS Wealth and Financial Services M: 8360264310
*Disclaimer- Mutual Fund निवेश जोखिम के अधीन है कृप्या निवेश से पहले डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें
Mutual Fund SIP::: 1 हजार, 2 हजार, 3 हजार और 5 हजार की SIP से कितने साल में बनेंगे 1 करोड़
Table of Contents
आधा भारत नहीं जानता पैसा बनाने वाला 40x20x50 का फॉर्मूला, समझ लिया तो बना लेंगे 5 करोड़ का फंड!सीक्रेट है सबसे धांसू...
Mutual Fund SIP से जुड़ी 6 बड़ी गलतफहमियां, स्मार्ट इनवेस्टर बनना है तो इनके बारे में जान लें यह सच
Mutual Fund SIP Myths Busted for Smart Investing : सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) ने बहुत सारे भारतीय निवेशकों के लिए निवेश का तरीका बदल दिया है. म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करने वाले लोग बड़े पैमाने पर एसआईपी का इस्तेमाल करने लगे हैं. लेकिन एसआईपी की लोकप्रियता के बावजूद इनके बारे में पूरी जानकारी की कमी अब भी बनी हुई है. SIP से जुड़ी ऐसी कई गलतफहमियां (Myths) हैं, जिन्हें दूर करना स्मार्ट इनवेस्टर बनने के लिए जरूरी है.
बहुत से निवेशक SIP को एक अलग इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट मान लेते हैं. लेकिन असल में, SIP कोई इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट नहीं है, बल्कि यह एक सुविधाजनक और अनुशासित तरीका है, जिसके जरिये आप म्यूचुअल फंड्स में नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं. SIP के माध्यम से, एक निश्चित रकम हर महीने, हर तीन महीने में या किसी भी तय समय पर आपके बैंक खाते से कटकर आपके चुने हुए म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट की जाती है.
यह ध्यान रखना जरूरी है कि SIP कोई अलग एसेट क्लास नहीं है और न ही इसके जरिये निवेश करने का मतलब किसी खास रिटर्न की गारंटी है. इसका प्रदर्शन पूरी तरह से उस म्यूचुअल फंड स्कीम के प्रदर्शन पर निर्भर है, जिसे आपने चुना है. इसलिए SIP को एक एसेट क्लास मानने की बजाय इसे सिर्फ निवेश प्रक्रिया को आसान और ऑटोमेटेड बनाने का एक तरीका मानना चाहिए. कुछ-कुछ वैसे ही, जैसे पोस्ट ऑफिस या बैंक के रिकरिंग डिपॉजिट होते हैं
यह बात तो सच है कि अधिकांश स्कीम्स में आप SIP के जरिये हर महीने महज 1000 रुपये या 500 रुपये जैसी छोटी रकम से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि SIP केवल छोटे निवेशकों के लिए है. हकीकत तो यह है कि SIP में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं होती है. कई हाई नेटवर्थ वाले लोग (HNIs) भी SIP के जरिये बड़ी-बड़ी रकम का निवेश करते हैं, ताकि रेगुलर इनवेस्टमेंट करके एवरेजिंग और कंपाउंडिंग का लाभ ले सकें. दरअसल, SIP का बड़ा फायदा यह है कि इसके जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आप बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा बेहतर ढंग से उठा सकते हैं. क्योंकि जब बाजार नीचे होता है, तो आपको उतनी ही रकम के लिए फंड की अधिक यूनिट्स मिलती हैं और जब बाजार ऊपर होता है, तो कम यूनिट्स मिलती हैं. इससे निवेश की औसत लागत कम हो जाती है. इसी को रुपी-कॉस्ट एवरेजिंग (Rupee-Cost Averaging) कहा जाता है
यह मान्यता भी बिल्कुल गलत है कि SIP केवल इक्विटी फंड्स के लिए ही होती है. दरअसल SIP का उपयोग आप डेट फंड्स (Debt Funds) या हाइब्रिड फंड्स से लेकर गोल्ड ईटीएफ तक, हर तरह की स्कीम में निवेश के लिए कर सकते हैं. SEBI की तरफ से मान्यता प्राप्त म्यूचुअल फंड्स में इक्विटी और डेट दोनों तरह की स्कीम्स होती हैं, जिनमें से आप अपनी जरूरत के हिसाब से सही स्कीम का चुनाव कर सकते हैं. डेट फंड्स में SIP के माध्यम से निवेश करना, काफी हद तक बैंक में रेकरिंग डिपॉजिट (RD) के जरिये निवेश करने जैसा होता है, जिसमें ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है. डेट फंड्स आमतौर पर इक्विटी फंड्स की तुलना में अधिक स्थिरता देते हैं, इसलिए वे उन निवेशकों के लिए सही हैं, जो जोखिम से बचना चाहते हैं या जिनके इनवेस्टमेंट का फाइनेंशियल गोल शॉर्ट टर्म है.
कई निवेशकों को यह गलतफहमी भी रहती है कि SIP शुरू करने के बाद आप अपने पैसों को जब चाहें, निकाल नहीं सकते हैं. यह बात पूरी तरह सच नहीं है. हां, टैक्स सेविंग से जुड़े नियमों के कारण इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS) में 3 साल का लॉक-इन पीरियड जरूर होता है, लेकिन ज्यादातर ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में आप अपने निवेश को कभी भी निकाल सकते हैं. इतना ही नहीं, अगर आपको एक बार SIP शुरू करने के बाद किसी भी वजह से उसे रोकना है, तो आप यह काम भी आसानी से कर सकते हैं. इसके लिए आपको कोई एक्सट्रा फीस भी नहीं देनी पड़ती है. इसके साथ ही आप पहले से इनवेस्ट की गई यूनिट्स को बेच भी सकते हैं. हालांकि ऐसा करते समय एग्जिट लोड और मुनाफे पर लागू टैक्स की जानकारी ले लेनी चाहिए. एग्जिट लोड आपकी म्यूचुअल फंड यूनिट के होल्डिंग पीरियड के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है.
यह मान्यता भी पूरी तरह सही नहीं है कि SIP के जरिये निवेश सिर्फ लंबी अवधि के लिए ही किया जा सकता है. हालांकि इक्विटी फंड्स में निवेश करने वालों को आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि वे 5-7 साल या उससे ज्यादा समय तक रेगुलर SIP करें, तभी उन्हें अपने इनवेस्टमेंट पर एवरेजिंग और कंपाउंडिंग का पूरा लाभ मिलेगा. लेकिन आप अपने निवेश के उद्देश्य के हिसाब से कम अवधि के लिए भी एसआईपी कर सकते हैं. हां, आपको अपने निवेश की अनुमानित अवधि के हिसाब से सही प्रोडक्ट का चुनाव करना होगा. मिसाल के तौर पर कम अवधि के लिए आप अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन या शॉर्ट ड्यूरेशन फंड जैसे किसी डेट फंड में SIP के जरिये निवेश कर सकते हैं.
CLICK HERE -TO Open Your Mutual Fund Account and Invest with AMFI Registered Mutual Fund Distributor
Also Read
Why you should have Multi Asset Allocation Funds in your portfolios?
In investing, risk and returns are correlated. You need to balance risk and returns, so that you are able to achieve your investment objectives without taking unnecessary risks. Asset allocation balances risk and returns of diversifying your investments over different asset classes e.g. equity, fixed income, gold, real estate etc. Each asset class has an important and unique role to play in your investment portfolio.
Equity and gold exhibit cyclicality in their returns. Behavioural biases (e.g. greed and fear) get exposed in market cycles. For example, in bull markets, investors keep investing at higher and higher prices in the hope that prices will rise further. In bear markets, investors sell even at very low prices because they fear that price may fall further. These behavioural biases harm the financial interest of the investors. Timing the market cycles is very difficult because price behaviours of different assets are driven by a variety of factors including macro-economic data, liquidity in financial markets, risk sentiments etc. So, how do we solve this jigsaw of volatility in asset classes? A multi-asset allocation strategy can bring stability to your portfolio across investment cycles.
Multi Asset Allocation funds are hybrid mutual fund schemes which invest in 3 or more asset classes. According to SEBI regulations multi asset allocation funds must invest minimum 10% each in at least 3 asset classes. Apart from the two most popular asset classes, fixed income and equity, these schemes can invest in asset classes like gold, silver, real estate investment trusts (REIT), infrastructure investment trusts (InvIT), international equities etc. The fund manager decides the proportional allocation to each asset class based on the market conditions with the objective of balancing risks and returns.
There is low correlation between returns of different asset classes in different market conditions; equity and gold are usually counter-cyclical to each other i.e. gold outperforms when equity underperforms and vice versa (see the chart below). Equity and gold have low correlation with debt. Gold and silver returns are usually correlated but silver tends to outperform gold in early stages of recovery. Multi Asset Allocation will keep you disciplined in your investments and provide you a more stable investment experience viz. if one asset class underperforms, the outperformance of another asset class will balance the risks
Investors should consult their financial advisors or mutual fund distributors if multi asset allocation funds are suitable for their investment needs.
Note: Views provided above based on information available in public domain at this moment and subject to change. Investors should not consider the same as investment advice. Past performance may or may not be sustained in future and is not a guarantee of any future returns.
An Investor Education & Awareness Initiative.
Mutual Fund Investments are subject to market risk, read all scheme related documents carefully
Interested to Invest / Open your Mutual Fund Account: http://p.njw.bz/39255
Contact: 8360264310
Registered Mutual Fund Distributor
43 म्यूचुअल फंड और 12000 से अधिक म्यूचुअल फंड स्कीम को ट्रैक रिकार्ड डाटा के अनुसार 12 इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम ने 1,000 रुपये के NAV रेट को पार कर लिया है, इन 12 इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम में फ्लेक्सी कैप, मिड कैप, ईएलएसएस, एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्ज और मिड कैप, लार्ज कैप और थीमैटिक फंड शामिल हैं.
इस योजना ने अपने 28 वर्ष पुरे कर लिए हैं, इस दौरान फंड से 22.56% CAGR का रिटर्न मिला, Nippon India Growth Fund की वर्तमान NAV 3252.97 रुपये हैं.
इस फार्मा फंड ने अपने 30.28 वर्ष पुरे कर लिए हैं, इस दौरान 19.46% CAGR का रिटर्न मिला, फंड की वर्तमान NAV 2179.10 रुपये है.
इस स्कीम ने स्थापना के बाद से अपने 29.30 वर्ष पुरे कर लिए हैं, सकीम की NAV 1619.23 रुपये है, वहीँ इस फंड ने अपने स्थापना के बाद से 19.03 फीसदी CAGR का रिटर्न दिया है.
Aditya Birla SL Flexi Cap Fund को 25.55 वर्ष पुरे हो गए हैं. इस दौरान स्कीम ने 26.65 फीसदी CAGR का रिटर्न दिया, इस योजना की वर्तमान NAV 1494.11 रुपये है.
इस योजना ने अपने 29.46 वर्ष पुरे कर लिए हैं, इस अवधि में 18.29% CAGR का रिटर्न मिला, फंड की वर्तमान NAV 1410.80 रुपये है.
इस म्यूचुअल फंड स्कीम का वर्तमान NAV 1301.12 रुपये है. फंड ने अपने 29.09 वर्ष पुरे कर लिए हैं, इस दौरान 18.24% CAGR का रिटर्न मिला.
इस टैक्स सेवर फंड ने अपने 24.93 वर्ष पुरे कर लिए हैं, इस दौरान 21.48% CAGR का रिटर्न मिला, स्कीम की वर्तमान NAV 1279.72 रुपया है.
निप्पॉन इण्डिया विजन फंड का वर्तमान NAV 1209.41 रुपया है, फंड ने अपने 28.43 साल पुरे करते हुए 18.37% CAGR का रिटर्न उत्पन्न किया है.
एचडीएफसी के इस टैक्स सेवर फंड ने अपने 27.95 वर्ष पुरे करते हुए, 23.72% CAGR का रिटर्न दिया है, फंड की वर्तमान NAV 1175.48 रुपये है.
इस स्कीम का वर्तमान NAV 1147.90 रुपया है, योजना ने अपने अपने 24.21 साल पुरे करते हुए 15.36 CAGR का रिटर्न दिया है.
इस स्कीम की वर्तमान NAV 1096.44 रुपये है, योजना ने अपने 21.65 वर्ष पुरे कर लिए, इस दौरान 24.23 फीसदी सीएजीआर का रिटर्न उत्पन्न हुआ.
HDFC Top 100 Fund ने सफलतापूर्वक अपने 27.53 साल पुरे कर लिए हैं, इस अवधि में फंड का रिटर्न 19.25% CAGR का रहा, वहीं इस फंड का वर्तमान NAV 1038.42 रुपया हो चूका है.
हमारे व्हाट्सअप और टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ें –
Disclaimer : यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियों के आधार पर बनाया गया है, हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेंसियल एडवाइज नहीं दी जाती अगर आप निवेश करना चाहते हैं तब सबसे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें
कई सारे व्हाट्सअप ग्रुप टेलीग्राम चैनल व फेसबुक पेज बने हुए हैं. हमारे द्वारा किसी तरह की पेड़ टिप्स, सलाह नहीं दी जाती, ब्लॉग केवल जानकारी के उद्देश्य से बनाया गया है. शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेश वित्तीय जोखिमों के अधीन है.
https://tinyurl.com/yze9587z?code=39255
pl Contact WHATSAPP TO AUTHORISED MUTUAL FUND DISTRIBUTOR AT 8360264310
*information as on 24.06.2024 (SOURCE MONEYCONTROL)