SIP का धांसू फॉर्मूला- रिटायरमेंट से पहले बना देगा 2 करोड़ का मालिक! ऐसे बदलेंगे आपके दिन कि लोग पूछेंगे कैसे किया?
Tuesday, August 26, 2025
Tuesday, August 19, 2025
SIP में हर महीने ₹10,000 जमा करें तो 12 साल में कितना फंड होगा तैयार? देखें कैलकुलेशन
SIP Calculator: देश का आम आदमी बढ़-चढ़कर म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहा है। म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, इसके बावजूद लोग दिल खोलकर इसमें पैसा लगा रहे हैं। AMFI के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में म्यूचुअल फंड खातों के साथ-साथ इसमें आने वाला निवेश भी लगातार बढ़ता जा रहा है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए एसआईपी को एक प्रभावशाली तरीका माना जाता है। एसआईपी में आपको हर महीने एक राशि निवेश करनी होती है। आज हम जानेंगे कि एसआईपी में हर महीने 10,000 रुपये की एसआईपी करें तो 12 साल बाद कितना फंड तैयार हो सकता है?
ये बात तो तय है कि म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, लेकिन इसमें शेयर बाजार से ही मोटी कमाई भी होती है। इसके अलावा, एसआईपी में आपको कंपाउंडिंग का भी भरपूर फायदा मिलता है। लिहाजा, एसआईपी को जितने लंबे समय के लिए चलाया जाएगा, आपको उतना ही मोटा पैसा मिलेगा
ये बात तो तय है कि म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, लेकिन इसमें शेयर बाजार से ही मोटी कमाई भी होती है। इसके अलावा, एसआईपी में आपको कंपाउंडिंग का भी भरपूर फायदा मिलता है। लिहाजा, एसआईपी को जितने लंबे समय के लिए चलाया जाएगा, आपको उतना ही मोटा पैसा मिलेगा।
एसआईपी में निवेश करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे मिलने वाले रिटर्न पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना होता है। ऐसे में आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए थोड़ा ज्यादा समय तक निवेश करना पड़ेगा। एसआईपी से तैयार होने वाला फंड इस बात पर निर्भर करता है कि आपके फंड्स आपको कितना रिटर्न दे रहे हैं।
अगर आपको हर साल 12 प्रतिशत का औसत रिटर्न मिलता है तो 10,000 रुपये की एसआईपी से 12 साल में 30.80 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है। 12 साल तक हर महीने 10,000 रुपये जमा करने से आपका कुल निवेश 14.40 लाख रुपये हो जाएगा और आपको इस पर 12 प्रतिशत के हिसाब से करीब 16.40 लाख रुपये का रिटर्न मिलेगा।
इसी तरह, अगर अगर आपको हर साल 15 प्रतिशत का औसत रिटर्न मिलता है तो 10,000 रुपये की एसआईपी से 12 साल में 37.56 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है। इसमें आपके निवेश के 14.40 लाख रुपये के अलावा 16.40 लाख रुपये का अनुमानित रिटर्न शामिल है। बताते चलें कि म्यूचुअल फंड एसआईपी में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है। इसमें लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है। अगर बाजार में तेजी जारी रहती है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू भी बढ़ती रहेगी। इसी तरह, अगर बाजार में गिरावट आती है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू में भी गिरावट आएगी।
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*Disclaimer: Mutual Funds are subject to market Risks. Read documents carefully before investing
Sunday, August 10, 2025
म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पैसा घटने पर मन तो करता होगा SIP रोकने का, लेकिन करना क्या चाहिए?
जब म्यूचुअल फंड में पैसा घटता है तो SIP रोकने का मन करता है, लेकिन ऐसा करना लंबे वक्त के फायदे छीन सकता है। बाजार उतार-चढ़ाव भरा होता है, और गिरावट के वक्त भी SIP जारी रखना निवेश के औसत लागत को कम करता है और रिटर्न बढ़ा सकता है।
Mutual Fund SIP: इन दिनों स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही है, जिससे माहौल और भी खराब हुआ है। ऐसे में बहुत से म्यूचुअल फंड निवेशक सोच रहे हैं कि "क्या SIP चालू रखना ठीक है या रोक देना चाहिए?"
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स साफ कहते हैं कि मार्केट की गिरावट देखकर SIP बंद करना गलत कदम हो सकता है। SIP का असली फायदा तो इसी में है कि आप बाजार के हर उतार-चढ़ाव में नियमित निवेश करते रहें।
1. रुपये कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा उठाइए
जब आप हर महीने, पंद्रह दिन या तिमाही में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड की यूनिट्स अलग-अलग दामों पर खरीदते हैं। इससे आपके खरीदने की औसत कीमत कम हो जाती है और फायदा कमाने के मौके बढ़ जाते हैं। यही तरीका ‘रुपये कॉस्ट एवरेजिंग’ कहलाता है।
अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेस की फाउंडर प्रीति जेंडे बताती हैं, “SIP का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें तय समय पर तय रकम निवेश होती रहती है। इससे जब मार्केट नीचे होता है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं और जब ऊपर होता है, तो कम यूनिट्स मिलती हैं। इससे लॉन्ग टर्म में अच्छा फायदा होता है।”
2. मार्केट की चाल का हिस्सा है उतार-चढ़ाव
मार्केट में गिरावट एक आम बात है और इसे लेकर घबराना नहीं चाहिए। हां, ये सच है कि पोर्टफोलियो में रोज की गिरावट देखना मुश्किल होता है, लेकिन SIP बंद करना इसका हल नहीं है। प्रीति जेंडे कहती हैं, “नए निवेशक जब पहली बार इतनी गिरावट देखते हैं तो घबरा जाते हैं, लेकिन यही समय होता है ज्यादा यूनिट जुटाने का।”
3. SIP बंद की तो फाइनेंशियल गोल्स पूरे नहीं होंगे
SIP का मकसद सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं होता, बल्कि आपके फाइनेंशियल गोल्स पूरे करना होता है जैसे बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना, रिटायरमेंट की प्लानिंग वगैरह। ऐसे में मार्केट के झटकों की वजह से SIP रोकना नुकसानदायक हो सकता है।
4. लंबी अवधि में बाजार देता है रिटर्न
मार्केट चाहे कितना भी गिरे, लंबी अवधि में वह वापस उभरता है। उदाहरण के लिए, 2024 में भले ही बाजार में करेक्शन आया हो, लेकिन फिर भी सेंसेक्स ने पूरे साल में करीब 8% रिटर्न दे ही दिया। 2016 से अब तक सेंसेक्स ने हर साल पॉजिटिव रिटर्न दिया है।
“अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो मार्केट में गिरावट के वक्त SIP चालू रखना ही सबसे अच्छा समय होता है। इससे आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं, और जब बाजार सुधरता है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू तेजी से बढ़ती है।”
मार्केट की गिरावट के वक्त SIP को बंद करना एक मौका गंवाने जैसा है। अगर आप वाकई अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को लेकर गंभीर हैं, तो निवेश जारी रखें और छोटी-छोटी गिरावटों से घबराएं नहीं।
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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।
मिडिल क्लास के लिए बेस्ट है 4-12-20 का SIP फॉर्मूला, जेब पर नहीं बढ़ेगा बोझ और जमा हो जाएगा 36 लाख का फंड
अगर आप मिडिल क्लास फैमिली से हैं और कम इनकम में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं तो 4-12-20 का SIP फॉर्मूला आपके लिए बेस्ट है. महीने की छोटी सी बचत से आप 20 सालों में 36 लाख से ज्यादा का फंड तैयार कर सकते हैं.
फाइनेंशियल प्लानिंग में अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा पैसा नहीं है तो निवेश कैसे करें. लेकिन अगर आप एक मिडिल क्लास इन्वेस्टर हैं और हर महीने सिर्फ ₹4,000 बचा सकते हैं, तो 4-12-20 का SIP फॉर्मूला आपकी बड़ी मदद कर सकता है. इसका मतलब है ₹4,000 महीने की SIP, 12% सालाना अनुमानित रिटर्न और 20 साल तक निवेश.
कितना फंड बनेगा?
अगर कोई निवेशक इस फॉर्मूले पर लगातार 20 सालों तक ₹4,000 प्रति माह की SIP करता है, तो उसका कुल निवेश ₹9,60,000 होगा. लेकिन 12% सालाना अनुमानित रिटर्न के हिसाब से उसे ₹36,79,429 का फंड मिल सकता है. यानी ₹27,19,429 ब्याज के तौर पर कमाई होगी.
निवेश का गणित
मंथली SIP- ₹4,000
सालाना रिटर्न- 12%
समय अवधि- 20 साल
कुल निवेश- ₹9.6 लाख
फंड वैल्यू- ₹36.79 लाख
ब्याज से कमाई- ₹27.19 लाख
र्क्यो है ये फॉर्मूक्योंला खास?
इस फॉर्मूले की खास बात ये है कि यह जेब पर भारी नहीं पड़ता, लेकिन लंबे समय में शानदार फंड तैयार करता है. 20 साल बाद जब बच्चों की पढ़ाई, शादी या रिटायरमेंट जैसे बड़े खर्च सामने आते हैं, तब यह फंड बड़ी राहत बन सकता है.
डिसिप्लिन और लॉन्ग टर्म में है दम
SIP में सफलता की कुंजी है, डिसिप्लिन और लंबा नजरिया. जितनी जल्दी आप शुरुआत करेंगे, कंपाउंडिंग उतनी ही बेहतर काम करेगी. अगर आप चाहें तो इस फॉर्मूले में धीरे-धीरे SIP की रकम बढ़ाकर और भी बड़ा फंड बना सकते हैं.
SIP में 4-12-20 फॉर्मूला से जुड़ी जरूरी बातें (FAQs)
सवाल 1- क्या 12% रिटर्न की गारंटी है?
जवाब- नहीं, 12% एक अनुमानित ऐवरेज रिटर्न है जो इक्विटी म्यूचुअल फंड्स लंबे समय में दे सकते हैं. रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है.
सवाल 2- 20 साल तक SIP जारी रखना कितना जरूरी है?
जवाब- लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का असर ज्यादा होता है. अगर 20 साल तक SIP जारी रखें तो फंड की वैल्यू कई गुना बढ़ सकती है.
सवाल 3- क्या मैं बीच में SIP रोक सकता हूं?
जवाब- हां, आप कभी भी SIP बंद कर सकते हैं, लेकिन इससे आपके फंड का साइज और ब्याज पर असर पड़ेगा.
सवाल 4- SIP में टैक्स कैसे लगता है?
जवाब- SIP से मिलने वाला रिटर्न इक्विटी फंड्स में 1 साल से ज्यादा की होल्डिंग पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स के तहत आता है. एक वित्त वर्ष में ₹1.25 लाख तक का गेन टैक्स फ्री होता है.
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(डिस्क्लेमर:Mutual Fund इंवेस्मेंट बाजार जोखिमों के आधीन है कृप्या निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
Thursday, August 7, 2025
मार्केट की गिरावट में काम आता है SIP का 10-7-1 Rule, अच्छा रिटर्न चाहिए तो न करें ये 5 गलतियां, फिर पैसा बनना तय!
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में सफलता के लिए सिर्फ निवेश शुरू करना ही काफी नहीं, बल्कि अनुशासन बनाए रखना भी जरूरी है. निवेशक अक्सर 5 आम गलतियां करते हैं. इन गलतियों से बचने के लिए, "10-7-1 रूल" एक प्रभावी रणनीति है. यह नियम निवेशकों को अनुशासित रहने और लंबी अवधि में कम्पाउंडिंग का फायदा उठाने में मदद करता है.
मार्केट की गिरावट में काम आता है SIP का 10-7-1 Rule, अच्छा रिटर्न चाहिए तो न करें ये 5 गलतियां, फिर पैसा बनना तय!
SIP तो शुरू कर दी... पर क्या आप भी उन 45% लोगों में से हैं जो दो साल के भीतर ही इसे बंद कर देते हैं? म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (AMFI) के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. लोग बड़े उत्साह और लंबे समय के सपनों के साथ SIP शुरू करते हैं, लेकिन बाजार के एक छोटे से झटके या किसी अप्रत्याशित खर्चे के आते ही सबसे पहले अपनी SIP पर ही कुल्हाड़ी चलाते हैं.
आखिर ऐसा क्यों होता है? वजह है- निवेश से जुड़ी गलतफहमियां और वित्तीय अनुशासन की कमी.
आज हम आपको इसी समस्या का समाधान बताएंगे. हम आपको उन 5 बड़ी गलतियों से रूबरू कराएंगे जो आपकी SIP को बढ़ने से रोकती हैं और साथ ही आपको निवेश का वो शक्तिशाली '10-7-1' रूल सिखाएंगे, जो आपको न सिर्फ बाजार के उतार-चढ़ाव में टिके रहने की हिम्मत देगा, बल्कि आपकी दौलत को कई गुना तेजी से बढ़ाएगा.
क्यों डूब जाती है आपकी SIP? ये 5 गलतियां तो नहीं कर रहे आप?
गलती 1: SIP को लॉटरी का टिकट समझना
कई नए निवेशक यह सोचकर आते हैं कि म्यूचुअल फंड में उनका पैसा कुछ ही महीनों या एक-दो साल में डबल हो जाएगा. जब ऐसा नहीं होता, तो वे निराश होकर SIP बंद कर देते हैं और जल्दी पैसा बनाने के चक्कर में सीधे शेयरों या फ्यूचर-ऑप्शन जैसे जोखिम भरे रास्तों पर चले जाते हैं.
सच: SIP एक मैराथन है, 100 मीटर की दौड़ नहीं. यह "जल्दी अमीर बनो" स्कीम नहीं, बल्कि "धीरे-धीरे अमीर बनो" का सिद्ध फॉर्मूला है.
गलती 2: बाजार गिरने पर डरकर भाग जाना
यह सबसे आम और सबसे बड़ी गलती है. जैसे ही बाजार गिरता है और पोर्टफोलियो लाल दिखने लगता है, निवेशक घबराकर अपनी SIP रोक देते हैं और पैसा निकाल लेते हैं.
सच: बाजार में गिरावट आपके लिए 'डिस्काउंट सेल' की तरह है. इसी समय आपकी SIP आपको सस्ते में ज्यादा यूनिट्स खरीदकर देती है. जो लोग इस गिरावट में टिके रहते हैं, बाजार चढ़ने पर सबसे ज्यादा मुनाफा वही कमाते हैं.
गलती 3: इमरजेंसी के लिए कोई 'Plan B' न होना
अचानक नौकरी छूटना, कोई मेडिकल इमरजेंसी या कोई बड़ा अप्रत्याशित खर्च... ऐसी स्थितियों में अक्सर लोग सबसे पहले अपनी SIP ही बंद करते हैं.
सच: आपकी SIP आपके सपनों के लिए है, इमरजेंसी के लिए नहीं. ऐसी किसी भी आपात स्थिति के लिए हमेशा एक इमरजेंसी फंड (आपके 6 महीने के खर्च के बराबर रकम) बनाकर रखें. यह फंड आपके निवेश का सुरक्षा कवच है.
गलती 4: बिना मंजिल के जहाज चलाना
"बस निवेश कर रहा हूं"- यह रवैया बहुत खतरनाक है. अगर आपने अपने निवेश को किसी लक्ष्य से नहीं जोड़ा है, तो आप किसी भी छोटी-मोटी जरूरत के लिए उसे तोड़ देंगे.
सच: अपने निवेश को लक्ष्यों का नाम दें. जैसे - 'कार वाली SIP', 'घर के डाउन पेमेंट वाली SIP', 'बच्चों की पढ़ाई वाली SIP', 'रिटायरमेंट वाली SIP'. जब आप ऐसा करते हैं, तो आप भावनात्मक रूप से अपने निवेश से जुड़ जाते हैं और उसे बीच में नहीं छोड़ते.
गलती 5: कर्ज लेकर शौक पूरे करना
गैर-जरूरी चीजों (जैसे महंगा फोन, वेकेशन) के लिए पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड से उधार लेने की आदत आपके वित्तीय अनुशासन को खत्म कर देती है. इस कर्ज को चुकाने का दबाव अक्सर आपकी SIP पर ही आता है.
सच: निवेश का पहला नियम है - पहले बचाओ, फिर खर्च करो. अपनी जरूरतों और चाहतों के बीच का अंतर समझें.
पेश है SIP का '10-7-1' गोल्डन रूल
अब जब आप गलतियों को समझ गए हैं, तो आइए उस नियम को जानते हैं जो आपको एक सफल निवेशक बनाएगा.
SIP का 10-7-1 गोल्डन रूल
(10) 10% की गिरावट के लिए रहें तैयार
यह मानकर चलें कि बाजार हर साल 10% तक गिर सकता है. यह सामान्य है.
(7) 7 साल का समय जरूर दें
अपने निवेश को कम से कम 7 साल तक टिके रहने का मौका दें.
(1) हर 1 साल में निवेश बढ़ाएं
अनुशासन के साथ हर साल अपनी SIP की रकम को थोड़ा बढ़ाएं.
आइए, इस रूल को विस्तार से समझते हैं
10-10% गिरावट के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें
यह एक मनोवैज्ञानिक नियम है. पिछले 23 सालों में से 20 साल ऐसे रहे हैं जब बाजार कम से कम 10% तक गिरा है. यह बाजार का स्वभाव है. अगर आप इस सच्चाई को स्वीकार कर लेंगे, तो गिरावट के समय आप डरेंगे नहीं, बल्कि इसे एक अवसर के रूप में देखेंगे.
7- अपने निवेश को कम से कम 7 साल का समय अवश्य दें
यह धैर्य का नियम है. SIP में कम्पाउंडिंग का असली जादू दिखने में कुछ साल लगते हैं. ऐतिहासिक रूप से यह देखा गया है कि जिन लोगों ने अपने इक्विटी निवेश को 7 साल या उससे अधिक समय तक बनाए रखा, उन्हें लगभग हमेशा पॉजिटिव रिटर्न ही मिला है.
1- हर साल अपना निवेश बढ़ाएं (The Power of Step-up)
यह आपकी दौलत को तेज करने वाला 'एक्सेलरेटर' है. हर साल अपनी आय बढ़ने के साथ, अपनी SIP की रकम में भी थोड़ी बढ़ोतरी करें. आइए देखते हैं कि 10% की सालाना बढ़ोतरी कितना बड़ा अंतर पैदा कर सकती है.
कैलकुलेशन टेबल: फ्लैट SIP vs स्टेप-अप SIP
(मासिक निवेश: ₹25,000, अवधि: 10 साल, अनुमानित रिटर्न: 12% सालाना)
पैरामीटर सिनेरियो A: फ्लैट SIP सिनेरियो B: स्टेप-अप SIP (10% सालाना बढ़ोतरी)
कुल निवेशित राशि ₹30 लाख ₹47.81 लाख
कॉर्पस की अनुमानित वैल्यू ₹58.04 लाख ₹84.45 लाख
मुनाफे में अंतर - ₹26.41 लाख ज्यादा
आपने देखा! सिर्फ हर साल थोड़ा सा निवेश बढ़ाने से आपका मुनाफा ₹26 लाख से भी ज्यादा बढ़ गया.
Conclusion: आपके काम की बात
SIP में पैसा बनाना रॉकेट साइंस नहीं है. यह सिर्फ दो चीजों का खेल है- गलतियों से बचना और अनुशासन बनाए रखना. अगर आप ऊपर बताई गई 5 आम गलतियों से बचते हैं और निवेश के '10-7-1' गोल्डन रूल को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो आप न केवल अपने वित्तीय लक्ष्यों को समय पर हासिल कर पाएंगे, बल्कि उम्मीद से कहीं ज्यादा बड़ी दौलत भी बना पाएंगे. याद रखें, SIP में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला फंड वो नहीं है जो सबसे ज्यादा रिटर्न देता है, बल्कि वो है जिसमें आप सबसे लंबे समय तक टिके रहते हैं.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. बाजार गिरने पर SIP रोकने के बजाय क्या करना चाहिए?
अगर संभव हो तो कुछ अतिरिक्त पैसा लगाकर और यूनिट्स खरीदें, या फिर कुछ न करें और अपनी SIP को चलने दें.
2. 10-7-1 रूल में 1 का क्या मतलब है?
इसका मतलब है कि आपको हर 1 साल में अपने SIP निवेश की राशि को बढ़ाना चाहिए (जिसे स्टेप-अप SIP कहते हैं).
3. इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए?
आपके 6 से 12 महीने के जरूरी खर्चों के बराबर की रकम आपके इमरजेंसी फंड में होनी चाहिए.
4. निवेश के लिए कौन सा फंड चुनें?
शुरुआत करने वालों के लिए, एक डायवर्सिफाइड फ्लेक्सी-कैप फंड या निफ्टी 50 इंडेक्स फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
5. SIP शुरू करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
सबसे अच्छा समय 'आज' है. जितनी जल्दी आप शुरू करेंगे, कम्पाउंडिंग को काम करने के लिए उतना ही ज्यादा समय मिलेगा.
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sip investment 10 7 1 rule 5 mistakes to avoid for good returns
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