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Friday, September 12, 2025

क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम, अपने पोर्टफोलियो में इसे कैसे करें उपयोग; यहां जानें सब

 क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम, अपने पोर्टफोलियो में इसे कैसे करें उपयोग; यहां जानें सब


सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान या सरल तरीका है। इसके जरिए आप छोटी किस्तों से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। क्या आपने कभी SIP के 7-5-3-1 नियम के बारे में सुना है। इस नियम के जरिए निवेशक पोर्टफोलियो को बैलेंस करने के साथ-साथ अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। आइए जानते हैं आप इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं?

आज हर कोई म्यूचुअल फंड से वाकिफ जरूर होगा। ये अपने आकर्षक रिटर्न के चलते निवेशकों के बीच काफी फेमस हो गया है। हालांकि इसमें मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। म्यूचुअल फंड के तहत आप अलग-अलग फंड में निवेश कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आमतौर पर लोग एसआईपी का ही चयन करते हैं। एसआईपी के जरिए आप छोटी किस्त से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। अगर आप भी एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो ये लेख आपके लिए बड़े काम का हो सकता है।

आज हम जानेंगे कि SIP के 7-5-3-1 नियम से कैसे पोर्टफोलियो को बैलेंस किया जा सकता है।

क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम?

7- निवेश अवधि 7 साल रखें

5- 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश

जैसे इक्विटी, बॉन्ड, ईटीएफ, गोल्ड इत्यादि

3- तीन तरह के जोखिम से न घबराएं

1- हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए

निवेश अवधि 7 साल रखें

ये माना जाता है कि एसआईपी के जरिए आपको कम्पाउंडिंग का फायदा तभी मिलेगा, जब आप 7 साल का इंतजार करेंगे। इसका मतलब है कि आपको निवेश अवधि 7 साल रखनी होगी।

5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश

इस नियम में इस्तेमाल होने वाला 5 ये बताता है कि आपको 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। एसेट क्लास जैसे इक्विटी, बॉन्ड, रियल इस्टेट, गोल्ड इत्यादि। सरल भाषा में कहा जाए तो आपको पोर्टफोलियो को जितना हो सकें, उतना विविधीकरण करना चाहिए। ताकि आपका पोर्टफोलियो बैलेंस रह सकें।

तीन तरह के जोखिम से न घबराएं

म्यूचुअल फंड शुरू करते वक्त अक्सर निवेशक तीन अलग-अलग तरह के जोखिम से गुजरते हैं।

7 से 10 फीसदी रिटर्न मिलना

ऐसे समय में निवेशक अक्सर सोचते हैं कि इससे अच्छा रिटर्न उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट से मिल सकता था। लेकिन हमें ये समझने की जरूरत है कि म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसलिए इसमें आपका लाभ या नुकसान दोनों ही बदलते रहते हैं।

0-7 फीसदी रिटर्न

इस स्थिति में अक्सर लोग निवेश करना छोड़ देते हैं, यहां दूसरे फंड की तरफ भागते हैं। लेकिन हमें ये समझना होगा हमने किस तरीके के फंड में निवेश किया है और उससे मिलने वाले रिटर्न में कितना समय लग सकता है। कुछ फंड प्रॉफिट देने में ज्यादा समय लगा सकते हैं।

नेगेटिव रिटर्न

नेगेटिव रिटर्न को देखकर कोई भी निराश हो सकता है। हमें ये ध्यान रखना होगा कि मार्केट में स्थिति बदलती रहती है। इसलिए थोड़ा इंतजार करना सही रहेगा।

हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए

ये भी कहा जाता है कि निवेशकों को हर साल अपने एसआईपी का अमाउंट बढ़ाना चाहिए। इससे ज्यादा मुनाफा होने के चांस होते हैं। जितना ज्यादा अमाउंट होगा, उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा।


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Tuesday, August 26, 2025

SIP का धांसू फॉर्मूला- रिटायरमेंट से पहले बना देगा 2 करोड़ का मालिक! ऐसे बदलेंगे आपके दिन कि लोग पूछेंगे कैसे किया?

 SIP का धांसू फॉर्मूला- रिटायरमेंट से पहले बना देगा 2 करोड़ का मालिक! ऐसे बदलेंगे आपके दिन कि लोग पूछेंगे कैसे किया?




क्या आप भी एक साधारण सी सैलरी पाते हैं और सोचते हैं कि करोड़पति बनना तो सिर्फ अमीरों का खेल है? आपको भी लगता है कि महीने के खर्चे और जिम्मेदारियों के बाद बचे हुए 4-5 हजार रुपए से भला क्या होगा? अगर हां, तो अपनी इस सोच को बदलने का वक्त आ गया है. यहां जानिए SIP का वो मैजिकल फॉर्मूला, जो आपकी छोटी सी बचत को करोड़ों में बदल सकता है. इसकी मदद से आप खुद को रिटायरमेंट से पहले 2.33 करोड़ का मालिक बना सकते हैं. ये फॉर्मूला है '555'. इसके लिए आपको कोई मोटी रकम नहीं चाहिए. अगर आप सिर्फ ₹5000 महीने की बचत से भी शुरुआत करते हैं, तो ये आपके करोड़पति बनने के सपने को हकीकत में बदल सकता है.

क्या है ये '555' का फॉर्मूला?

'555' के फॉर्मूले में पहले 5 का मतलब हर साल अपने निवेश में 5% की बढ़ोतरी से हैं और बाकी 55 का मतलब आपकी 55 साल की उम्र से है. निवेश की इस स्मार्ट स्ट्रैटेजी को '555' का फॉर्मूला कहा जाता है. अगर आप इस फॉर्मूले को सही तरीके से इस्‍तेमाल कर दें तो खुद को 55 साल की उम्र पर ही 2.33 करोड़ का मालिक बना सकते हैं. आमतौर पर रिटायरमेंट की उम्र 60 साल होती है, लेकिन ये फॉर्मूला आपको 5 साल पहले ही आपके लक्ष्‍य तक पहुंचा देगा

इस फॉर्मूले के मुताबिक अगर आप 25 साल की उम्र में SIP में निवेश शुरू करते हैं और हर साल अपने निवेश को सिर्फ 5% बढ़ाते जाते हैं और ऐसा आप लगातार 30 सालों तक, यानी 55 साल की उम्र तक करते हैं, तो आप खुद को 55 साल की उम्र पर करोड़पति बना लेंगे. ये छोटी शुरुआत, अनुशासन और समय की ताकत का एक बेहतरीन उदाहरण है जो आपको एक शानदार रिटायरमेंट लाइफ दे सकता है.

समझिए कैसे काम करता है ये फॉर्मूला

555 की स्‍ट्रैटेजी को अपनाकर आपको सिर्फ ₹5000 से SIP की शुरुआत करनी होगी. अगर आप निवेश 25 की उम्र में एसआईपी शुरू करते हैं और इसे हर साल 5 फीसदी के‍ हिसाब से बढ़ाते जाते हैं तो 30 सालों में आप कुल 39,86,331 रुपए का निवेश करेंगे.

30 साल में 1,93,92,756 का रिटर्न

आमतौर पर SIP का औसत रिटर्न 12% माना जाता है. अगर यहां हम 12% के‍ हिसाब से कैलकुलेट करें तो 30 साल में आपको 1,93,92,756 रुपए का रिटर्न मिलेगा. इस तरह आपकी निवेशित रकम और ब्‍याज की रकम को मिलाकर 55 की उम्र में आप 2,33,79,087 रुपए के मालिक बन जाएंगे.

फॉर्मूले का असली हीरो: पावर ऑफ कंपाउंडिंग

आपने सिर्फ 39,86,331 रुपए लगाए और वो लगभग 2,33,79,087 रुपए बन गए! ये चमत्कार कैसे हुआ? इसका हीरो है- पावर ऑफ कंपाउंडिंग, जिसे दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने दुनिया का आठवां अजूबा कहा था. इसका मतलब है 'ब्याज पर भी ब्याज' कमाना. आपके निवेश पर जो मुनाफा होता है, वो वापस उसी में जुड़ जाता है और अगली बार आपको मूलधन के साथ-साथ उस मुनाफे पर भी मुनाफा मिलता है. शुरुआत में ये धीरे काम करता है, लेकिन 15-20 साल बाद ये रॉकेट की रफ्तार से आपके पैसे को बढ़ाता है.

इन गलतियों से बचें, वरना सपना टूट जाएगा

ये फॉर्मूला जितना आसान दिखता है, इसे निभाना उतना ही मुश्किल है, अगर आप अनुशासन में न रहें. अगर आप कंपाउंडिंग का पूरा फायदा लेना चाहते हैं तो कुछ गलतियों से बचकर रहें जैसे बाजार गिरने पर लोग डरकर SIP बंद कर देते हैं, जबकि यही वो समय होता है जब आप कम दाम में ज्यादा यूनिट्स खरीद सकते हैं. इसके अलावा छोटी-मोटी जरूरतों के लिए इस फंड से पैसा न निकालें. साथ ही निवेश के साथ थोड़ा धैर्य बनाकर रखें.


Disclaimer: Mutual Fund investments are subject to market risk. Read scheme related Documents carefully. 






Tuesday, August 19, 2025

SIP में हर महीने ₹10,000 जमा करें तो 12 साल में कितना फंड होगा तैयार? देखें कैलकुलेशन

 SIP में हर महीने ₹10,000 जमा करें तो 12 साल में कितना फंड होगा तैयार? देखें कैलकुलेशन


SIP Calculator: देश का आम आदमी बढ़-चढ़कर म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहा है। म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, इसके बावजूद लोग दिल खोलकर इसमें पैसा लगा रहे हैं। AMFI के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में म्यूचुअल फंड खातों के साथ-साथ इसमें आने वाला निवेश भी लगातार बढ़ता जा रहा है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए एसआईपी को एक प्रभावशाली तरीका माना जाता है। एसआईपी में आपको हर महीने एक राशि निवेश करनी होती है। आज हम जानेंगे कि एसआईपी में हर महीने 10,000 रुपये की एसआईपी करें तो 12 साल बाद कितना फंड तैयार हो सकता है?

ये बात तो तय है कि म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, लेकिन इसमें शेयर बाजार से ही मोटी कमाई भी होती है। इसके अलावा, एसआईपी में आपको कंपाउंडिंग का भी भरपूर फायदा मिलता है। लिहाजा, एसआईपी को जितने लंबे समय के लिए चलाया जाएगा, आपको उतना ही मोटा पैसा मिलेगा

ये बात तो तय है कि म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, लेकिन इसमें शेयर बाजार से ही मोटी कमाई भी होती है। इसके अलावा, एसआईपी में आपको कंपाउंडिंग का भी भरपूर फायदा मिलता है। लिहाजा, एसआईपी को जितने लंबे समय के लिए चलाया जाएगा, आपको उतना ही मोटा पैसा मिलेगा।

एसआईपी में निवेश करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे मिलने वाले रिटर्न पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना होता है। ऐसे में आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए थोड़ा ज्यादा समय तक निवेश करना पड़ेगा। एसआईपी से तैयार होने वाला फंड इस बात पर निर्भर करता है कि आपके फंड्स आपको कितना रिटर्न दे रहे हैं।

अगर आपको हर साल 12 प्रतिशत का औसत रिटर्न मिलता है तो 10,000 रुपये की एसआईपी से 12 साल में 30.80 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है। 12 साल तक हर महीने 10,000 रुपये जमा करने से आपका कुल निवेश 14.40 लाख रुपये हो जाएगा और आपको इस पर 12 प्रतिशत के हिसाब से करीब 16.40 लाख रुपये का रिटर्न मिलेगा।

इसी तरह, अगर अगर आपको हर साल 15 प्रतिशत का औसत रिटर्न मिलता है तो 10,000 रुपये की एसआईपी से 12 साल में 37.56 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है। इसमें आपके निवेश के 14.40 लाख रुपये के अलावा 16.40 लाख रुपये का अनुमानित रिटर्न शामिल है। बताते चलें कि म्यूचुअल फंड एसआईपी में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है। इसमें लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है। अगर बाजार में तेजी जारी रहती है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू भी बढ़ती रहेगी। इसी तरह, अगर बाजार में गिरावट आती है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू में भी गिरावट आएगी।

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*Disclaimer: Mutual Funds are subject to market Risks. Read documents carefully before investing



Sunday, August 10, 2025

म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पैसा घटने पर मन तो करता होगा SIP रोकने का, लेकिन करना क्या चाहिए?

 म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पैसा घटने पर मन तो करता होगा SIP रोकने का, लेकिन करना क्या चाहिए?



जब  म्यूचुअल फंड में पैसा घटता है तो SIP रोकने का मन करता है, लेकिन ऐसा करना लंबे वक्त के फायदे छीन सकता है। बाजार उतार-चढ़ाव भरा होता है, और गिरावट के वक्त भी SIP जारी रखना निवेश के औसत लागत को कम करता है और रिटर्न बढ़ा सकता है।

Mutual Fund SIP: इन दिनों स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही है, जिससे माहौल और भी खराब हुआ है। ऐसे में बहुत से म्यूचुअल फंड निवेशक सोच रहे हैं कि "क्या SIP चालू रखना ठीक है या रोक देना चाहिए?"

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स साफ कहते हैं कि मार्केट की गिरावट देखकर SIP बंद करना गलत कदम हो सकता है। SIP का असली फायदा तो इसी में है कि आप बाजार के हर उतार-चढ़ाव में नियमित निवेश करते रहें।

1. रुपये कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा उठाइए

जब आप हर महीने, पंद्रह दिन या तिमाही में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड की यूनिट्स अलग-अलग दामों पर खरीदते हैं। इससे आपके खरीदने की औसत कीमत कम हो जाती है और फायदा कमाने के मौके बढ़ जाते हैं। यही तरीका ‘रुपये कॉस्ट एवरेजिंग’ कहलाता है।

अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेस की फाउंडर प्रीति जेंडे बताती हैं, “SIP का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें तय समय पर तय रकम निवेश होती रहती है। इससे जब मार्केट नीचे होता है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं और जब ऊपर होता है, तो कम यूनिट्स मिलती हैं। इससे लॉन्ग टर्म में अच्छा फायदा होता है।”

2. मार्केट की चाल का हिस्सा है उतार-चढ़ाव

मार्केट में गिरावट एक आम बात है और इसे लेकर घबराना नहीं चाहिए। हां, ये सच है कि पोर्टफोलियो में रोज की गिरावट देखना मुश्किल होता है, लेकिन SIP बंद करना इसका हल नहीं है। प्रीति जेंडे कहती हैं, “नए निवेशक जब पहली बार इतनी गिरावट देखते हैं तो घबरा जाते हैं, लेकिन यही समय होता है ज्यादा यूनिट जुटाने का।”

3. SIP बंद की तो फाइनेंशियल गोल्स पूरे नहीं होंगे

SIP का मकसद सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं होता, बल्कि आपके फाइनेंशियल गोल्स पूरे करना होता है जैसे बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना, रिटायरमेंट की प्लानिंग वगैरह। ऐसे में मार्केट के झटकों की वजह से SIP रोकना नुकसानदायक हो सकता है।

4. लंबी अवधि में बाजार देता है रिटर्न

मार्केट चाहे कितना भी गिरे, लंबी अवधि में वह वापस उभरता है। उदाहरण के लिए, 2024 में भले ही बाजार में करेक्शन आया हो, लेकिन फिर भी सेंसेक्स ने पूरे साल में करीब 8% रिटर्न दे ही दिया। 2016 से अब तक सेंसेक्स ने हर साल पॉजिटिव रिटर्न दिया है।

“अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो मार्केट में गिरावट के वक्त SIP चालू रखना ही सबसे अच्छा समय होता है। इससे आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं, और जब बाजार सुधरता है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू तेजी से बढ़ती है।”

मार्केट की गिरावट के वक्त SIP को बंद करना एक मौका गंवाने जैसा है। अगर आप वाकई अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को लेकर गंभीर हैं, तो निवेश जारी रखें और छोटी-छोटी गिरावटों से घबराएं नहीं।


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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।

मिडिल क्लास के लिए बेस्ट है 4-12-20 का SIP फॉर्मूला, जेब पर नहीं बढ़ेगा बोझ और जमा हो जाएगा 36 लाख का फंड

 मिडिल क्लास के लिए बेस्ट है 4-12-20 का SIP फॉर्मूला, जेब पर नहीं बढ़ेगा बोझ और जमा हो जाएगा 36 लाख का फंड


अगर आप मिडिल क्लास फैमिली से हैं और कम इनकम में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं तो 4-12-20 का SIP फॉर्मूला आपके लिए बेस्ट है. महीने की छोटी सी बचत से आप 20 सालों में 36 लाख से ज्यादा का फंड तैयार कर सकते हैं.

फाइनेंशियल प्लानिंग में अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा पैसा नहीं है तो निवेश कैसे करें. लेकिन अगर आप एक मिडिल क्लास इन्वेस्टर हैं और हर महीने सिर्फ ₹4,000 बचा सकते हैं, तो 4-12-20 का SIP फॉर्मूला आपकी बड़ी मदद कर सकता है. इसका मतलब है ₹4,000 महीने की SIP, 12% सालाना अनुमानित रिटर्न और 20 साल तक निवेश.

कितना फंड बनेगा?

अगर कोई निवेशक इस फॉर्मूले पर लगातार 20 सालों तक ₹4,000 प्रति माह की SIP करता है, तो उसका कुल निवेश ₹9,60,000 होगा. लेकिन 12% सालाना अनुमानित रिटर्न के हिसाब से उसे ₹36,79,429 का फंड मिल सकता है. यानी ₹27,19,429 ब्याज के तौर पर कमाई होगी.

निवेश का गणित

मंथली SIP- ₹4,000

सालाना रिटर्न- 12%

समय अवधि- 20 साल

कुल निवेश- ₹9.6 लाख

फंड वैल्यू- ₹36.79 लाख

ब्याज से कमाई- ₹27.19 लाख

 र्क्यो है ये फॉर्मूक्योंला खास?

इस फॉर्मूले की खास बात ये है कि यह जेब पर भारी नहीं पड़ता, लेकिन लंबे समय में शानदार फंड तैयार करता है. 20 साल बाद जब बच्चों की पढ़ाई, शादी या रिटायरमेंट जैसे बड़े खर्च सामने आते हैं, तब यह फंड बड़ी राहत बन सकता है.

डिसिप्लिन और लॉन्ग टर्म में है दम

SIP में सफलता की कुंजी है, डिसिप्लिन और लंबा नजरिया. जितनी जल्दी आप शुरुआत करेंगे, कंपाउंडिंग उतनी ही बेहतर काम करेगी. अगर आप चाहें तो इस फॉर्मूले में धीरे-धीरे SIP की रकम बढ़ाकर और भी बड़ा फंड बना सकते हैं.

SIP में 4-12-20 फॉर्मूला से जुड़ी जरूरी बातें (FAQs)

सवाल 1- क्या 12% रिटर्न की गारंटी है?

जवाब- नहीं, 12% एक अनुमानित ऐवरेज रिटर्न है जो इक्विटी म्यूचुअल फंड्स लंबे समय में दे सकते हैं. रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है.

सवाल 2- 20 साल तक SIP जारी रखना कितना जरूरी है?

जवाब- लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का असर ज्यादा होता है. अगर 20 साल तक SIP जारी रखें तो फंड की वैल्यू कई गुना बढ़ सकती है.

सवाल 3- क्या मैं बीच में SIP रोक सकता हूं?

जवाब- हां, आप कभी भी SIP बंद कर सकते हैं, लेकिन इससे आपके फंड का साइज और ब्याज पर असर पड़ेगा.

सवाल 4- SIP में टैक्स कैसे लगता है?

जवाब- SIP से मिलने वाला रिटर्न इक्विटी फंड्स में 1 साल से ज्यादा की होल्डिंग पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स के तहत आता है. एक वित्त वर्ष में ₹1.25 लाख तक का गेन टैक्स फ्री होता है.


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(डिस्‍क्‍लेमर:Mutual Fund इंवेस्मेंट बाजार जोखिमों के आधीन है कृप्या निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)