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Friday, September 12, 2025

क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम, अपने पोर्टफोलियो में इसे कैसे करें उपयोग; यहां जानें सब

 क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम, अपने पोर्टफोलियो में इसे कैसे करें उपयोग; यहां जानें सब


सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान या सरल तरीका है। इसके जरिए आप छोटी किस्तों से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। क्या आपने कभी SIP के 7-5-3-1 नियम के बारे में सुना है। इस नियम के जरिए निवेशक पोर्टफोलियो को बैलेंस करने के साथ-साथ अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। आइए जानते हैं आप इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं?

आज हर कोई म्यूचुअल फंड से वाकिफ जरूर होगा। ये अपने आकर्षक रिटर्न के चलते निवेशकों के बीच काफी फेमस हो गया है। हालांकि इसमें मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। म्यूचुअल फंड के तहत आप अलग-अलग फंड में निवेश कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आमतौर पर लोग एसआईपी का ही चयन करते हैं। एसआईपी के जरिए आप छोटी किस्त से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। अगर आप भी एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो ये लेख आपके लिए बड़े काम का हो सकता है।

आज हम जानेंगे कि SIP के 7-5-3-1 नियम से कैसे पोर्टफोलियो को बैलेंस किया जा सकता है।

क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम?

7- निवेश अवधि 7 साल रखें

5- 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश

जैसे इक्विटी, बॉन्ड, ईटीएफ, गोल्ड इत्यादि

3- तीन तरह के जोखिम से न घबराएं

1- हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए

निवेश अवधि 7 साल रखें

ये माना जाता है कि एसआईपी के जरिए आपको कम्पाउंडिंग का फायदा तभी मिलेगा, जब आप 7 साल का इंतजार करेंगे। इसका मतलब है कि आपको निवेश अवधि 7 साल रखनी होगी।

5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश

इस नियम में इस्तेमाल होने वाला 5 ये बताता है कि आपको 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। एसेट क्लास जैसे इक्विटी, बॉन्ड, रियल इस्टेट, गोल्ड इत्यादि। सरल भाषा में कहा जाए तो आपको पोर्टफोलियो को जितना हो सकें, उतना विविधीकरण करना चाहिए। ताकि आपका पोर्टफोलियो बैलेंस रह सकें।

तीन तरह के जोखिम से न घबराएं

म्यूचुअल फंड शुरू करते वक्त अक्सर निवेशक तीन अलग-अलग तरह के जोखिम से गुजरते हैं।

7 से 10 फीसदी रिटर्न मिलना

ऐसे समय में निवेशक अक्सर सोचते हैं कि इससे अच्छा रिटर्न उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट से मिल सकता था। लेकिन हमें ये समझने की जरूरत है कि म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसलिए इसमें आपका लाभ या नुकसान दोनों ही बदलते रहते हैं।

0-7 फीसदी रिटर्न

इस स्थिति में अक्सर लोग निवेश करना छोड़ देते हैं, यहां दूसरे फंड की तरफ भागते हैं। लेकिन हमें ये समझना होगा हमने किस तरीके के फंड में निवेश किया है और उससे मिलने वाले रिटर्न में कितना समय लग सकता है। कुछ फंड प्रॉफिट देने में ज्यादा समय लगा सकते हैं।

नेगेटिव रिटर्न

नेगेटिव रिटर्न को देखकर कोई भी निराश हो सकता है। हमें ये ध्यान रखना होगा कि मार्केट में स्थिति बदलती रहती है। इसलिए थोड़ा इंतजार करना सही रहेगा।

हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए

ये भी कहा जाता है कि निवेशकों को हर साल अपने एसआईपी का अमाउंट बढ़ाना चाहिए। इससे ज्यादा मुनाफा होने के चांस होते हैं। जितना ज्यादा अमाउंट होगा, उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा।


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Sunday, August 10, 2025

म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पैसा घटने पर मन तो करता होगा SIP रोकने का, लेकिन करना क्या चाहिए?

 म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पैसा घटने पर मन तो करता होगा SIP रोकने का, लेकिन करना क्या चाहिए?



जब  म्यूचुअल फंड में पैसा घटता है तो SIP रोकने का मन करता है, लेकिन ऐसा करना लंबे वक्त के फायदे छीन सकता है। बाजार उतार-चढ़ाव भरा होता है, और गिरावट के वक्त भी SIP जारी रखना निवेश के औसत लागत को कम करता है और रिटर्न बढ़ा सकता है।

Mutual Fund SIP: इन दिनों स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही है, जिससे माहौल और भी खराब हुआ है। ऐसे में बहुत से म्यूचुअल फंड निवेशक सोच रहे हैं कि "क्या SIP चालू रखना ठीक है या रोक देना चाहिए?"

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स साफ कहते हैं कि मार्केट की गिरावट देखकर SIP बंद करना गलत कदम हो सकता है। SIP का असली फायदा तो इसी में है कि आप बाजार के हर उतार-चढ़ाव में नियमित निवेश करते रहें।

1. रुपये कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा उठाइए

जब आप हर महीने, पंद्रह दिन या तिमाही में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड की यूनिट्स अलग-अलग दामों पर खरीदते हैं। इससे आपके खरीदने की औसत कीमत कम हो जाती है और फायदा कमाने के मौके बढ़ जाते हैं। यही तरीका ‘रुपये कॉस्ट एवरेजिंग’ कहलाता है।

अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेस की फाउंडर प्रीति जेंडे बताती हैं, “SIP का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें तय समय पर तय रकम निवेश होती रहती है। इससे जब मार्केट नीचे होता है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं और जब ऊपर होता है, तो कम यूनिट्स मिलती हैं। इससे लॉन्ग टर्म में अच्छा फायदा होता है।”

2. मार्केट की चाल का हिस्सा है उतार-चढ़ाव

मार्केट में गिरावट एक आम बात है और इसे लेकर घबराना नहीं चाहिए। हां, ये सच है कि पोर्टफोलियो में रोज की गिरावट देखना मुश्किल होता है, लेकिन SIP बंद करना इसका हल नहीं है। प्रीति जेंडे कहती हैं, “नए निवेशक जब पहली बार इतनी गिरावट देखते हैं तो घबरा जाते हैं, लेकिन यही समय होता है ज्यादा यूनिट जुटाने का।”

3. SIP बंद की तो फाइनेंशियल गोल्स पूरे नहीं होंगे

SIP का मकसद सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं होता, बल्कि आपके फाइनेंशियल गोल्स पूरे करना होता है जैसे बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना, रिटायरमेंट की प्लानिंग वगैरह। ऐसे में मार्केट के झटकों की वजह से SIP रोकना नुकसानदायक हो सकता है।

4. लंबी अवधि में बाजार देता है रिटर्न

मार्केट चाहे कितना भी गिरे, लंबी अवधि में वह वापस उभरता है। उदाहरण के लिए, 2024 में भले ही बाजार में करेक्शन आया हो, लेकिन फिर भी सेंसेक्स ने पूरे साल में करीब 8% रिटर्न दे ही दिया। 2016 से अब तक सेंसेक्स ने हर साल पॉजिटिव रिटर्न दिया है।

“अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो मार्केट में गिरावट के वक्त SIP चालू रखना ही सबसे अच्छा समय होता है। इससे आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं, और जब बाजार सुधरता है तो आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू तेजी से बढ़ती है।”

मार्केट की गिरावट के वक्त SIP को बंद करना एक मौका गंवाने जैसा है। अगर आप वाकई अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को लेकर गंभीर हैं, तो निवेश जारी रखें और छोटी-छोटी गिरावटों से घबराएं नहीं।


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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।

Saturday, August 2, 2025

मंथली SIP या Lumpsum का एकमुश्त निवेश स्‍मार्ट इन्‍वेस्‍टर कौन सा तरीका चुनकर कमाते हैं मुनाफा? कोई नहीं बताएगा ये सीक्रेट

 मंथली SIP या Lumpsum का एकमुश्त दांव! स्‍मार्ट इन्‍वेस्‍टर कौन सा तरीका चुनकर कमाते हैं मुनाफा? कोई नहीं बताएगा ये सीक्रेट





ऐसे तमाम लोग हैं जो मार्केट में निवेश करके बेहतर मुनाफा तो कमाना चाहते हैं, लेकिन बाजार के जोखिम से घबराकर उसमें पैसा नहीं लगाते. उन्‍हें इस बात का डर रहता है कि कहीं उनका पैसा डूब न जाए. ऐसे लोगों के लिए काफी अच्‍छा ऑप्‍शन है Mutual Funds. मार्केट लिंक्‍ड इस स्‍कीम में सीधेतौर पर स्‍टॉक में पैसा लगाने की तुलना में कम जोखिम माना जाता है. लंबे समय में म्‍यूचुअल फंड्स के जरिए काफी अच्‍छा फंड तैयार किया जा सकता है. लेकिन इसमें निवेश करने के दो तरीके हैं. एक SIP यानी Systematic Investment Plan और दूसरा तरीका है Lumpsum. दोनों तरीकों के अपने अपने फायदे और नुकसान हैं. मुनाफा कमाने के लिए आपको कौन सा तरीका चुनना चाहिए? ये समझने के लिए आपको इनके फायदे और नुकसान को समझना होगा. 

पहले बात SIP की 

SIP म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश का बेहद पॉपुलर तरीका है. एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आप अपनी सहूलियत के हिसाब से हर महीने एक निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं. आप इसकी शुरुआत 100 रुपए से भी कर सकते हैं. 

SIP में Flexibility

एसआईपी का फायदा ये भी है कि इसमें आपको फ्लैक्सिबिलिटी मिल जाती है यानी आप अपनी आमदनी के हिसाब से इसमें निवेश को समय के साथ बढ़ा-घटा सकते हैं, इसे जरूरत पड़ने पर बीच में रोक सकते हैं और कभी भी पैसा विद्ड्रॉल कर सकते हैं.

एवरेजिंग का फायदा

एसआईपी का फायदा यह है कि आप बाजार के सभी तरह के उतार-चढ़ाव के बीच इसमें निवेश करते हैं. इससे आपको रुपी कॉस्‍ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है. जब बाजार गिरता है तो आप अधिक यूनिट खरीदते हैं और जब बाजार बढ़ता है तो कम यूनिट खरीदते हैं, जिससे आपके निवेश की औसत लागत कम हो जाती है. इस कारण आपका निवेश एवरेज होता रहता है.   

लंबे समय में मोटा फंड

फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट्स मानते हैं कि अगर आप SIP में लंबे समय के लिए पैसा लगाएं और आमदनी बढ़ने के साथ इसमें निवेश को थोड़ा-थोड़ा बढ़ाते रहें, साथ ही निवेश के मामले में अनुशासित रहें, तो एसआईपी के जरिए काफी मोटा फंड तैयार कर सकते हैं.   

ये हैं नुकसान

हालांकि एसआईपी का नुकसान ये है कि इसमें आप बाजार में किसी बड़ी गिरावट का फायदा नहीं उठा पाते हैं. इसके अलावा अगर एसआईपी की कोई किस्त भूल जाते हैं तो आपको जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है.

अब बात LUMPSUM की

Lumpsum के जरिए जब आप म्‍यूचुअल फंड्स में एकमुश्‍त पैसा इन्‍वेस्‍ट करते हैं. एकमुश्त निवेश करने का फायदा ये है कि आप बाजार की स्थिति देखते हुए निवेश कर सकते हैं और इसके उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं. इसमें आप पर किसी तरह का जुर्माना वगैरह नहीं लगता. 

Lumpsum के जरिए जब आप म्‍यूचुअल फंड्स में एकमुश्‍त पैसा इन्‍वेस्‍ट करते हैं. एकमुश्त निवेश करने का फायदा ये है कि आप बाजार की स्थिति देखते हुए निवेश कर सकते हैं और इसके उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं. इसमें आप पर किसी तरह का जुर्माना वगैरह नहीं लगता. 

बम्पर मुनाफे की संभावना

अगर आपने बाजार के निचले स्तर पर पैसा लगा दिया, तो जब बाजार चढ़ेगा, तो आपका पूरा पैसा एक साथ बढ़ेगा. इससे SIP की तुलना में बहुत ज्यादा रिटर्न मिल सकता है.

लेकिन... Lumpsum में बड़ा "रिस्क" भी है

अगर आपने गलती से बाजार के Peak पर पैसा लगा दिया, तो आपका पूरा निवेश एक साथ निगेटिव में चला जाएगा. उस नुकसान से बाहर निकलने और मुनाफे में आने में सालों लग सकते हैं, जो मानसिक रूप से बहुत परेशान करने वाला होता है.

SIP VS LUMPSUM

एक्‍सपर्ट मानते हैं कि नौकरीपेशा लोग, बिगिनर्स, जो बाजार की टाइमिंग नहीं कर सकते और लंबी अवधि के लक्ष्य (जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई) के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए SIP बेस्‍ट है, वहीं अनुभवी निवेशक जो बाजार को समझते हैं, रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं, और जिन्हें पता है कि बाजार में कब गिरावट आई है, उनके लिए लंपसम बेहतर हो सकता है.

स्‍मार्ट निवेशक क्‍या करते हैं?

स्मार्ट इन्वेस्टर का सीक्रेट ये है कि वो "SIP या Lumpsum" में से किसी एक को नहीं चुनता. वो दोनों का इस्तेमाल करता है! इसे हाइब्रिड अप्रोच कहते हैं. वो अपने लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए एक अनुशासित SIP हमेशा चालू रखता है और हमेशा अपने पास कुछ अतिरिक्त पैसा (सरप्लस कैश) तैयार रखता है ताकि जब भी बाजार में कोई बड़ी गिरावट आए तो उस गिरे हुए बाजार का फायदा उठाने के लिए Lumpsum निवेश कर सके.  (Disclaimer: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. निवेश करने से पहले कृपया योजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें.) 

Friday, July 25, 2025

10×12×30 के SIP फॉर्मूले में छिपा है निवेश का जादू, अब 50 हजार सैलरी वाले भी बना पाएंगे 3 करोड़ का फंड

 10×12×30 के SIP फॉर्मूले में छिपा है निवेश का जादू, अब 50 हजार सैलरी वाले भी बना पाएंगे 3 करोड़ का फंड


अगर आपकी सैलरी 50 हजार रुपए है और आप हर महीने 10 हजार की SIP करते हैं, तो 30 साल में आप 12% रिटर्न पर करीब 3 करोड़ रुपए का फंड बना सकते हैं.

अगर आप सोचते हैं कि करोड़ों का फंड तैयार करने के लिए बड़ी सैलरी या बड़ा बिज़नेस चाहिए, तो अब सोच बदलने की ज़रूरत है. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए एक मिडल क्लास व्यक्ति भी लॉन्ग टर्म में करोड़ों का फंड बना सकता है.

खासतौर पर, अगर आपकी सैलरी 50 हजार रुपए महीना है और आप उसमें से सिर्फ 10 हजार रुपए हर महीने SIP में लगाते हैं, तो आप 30 साल में 3 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का फंड तैयार कर सकते हैं.

SIP का 10×12×30 फॉर्मूला क्या है?

इस फॉर्मूले को समझना बेहद आसान है. इसका मतलब है, 10 हजार रुपए हर महीने निवेश करना है 30 सालों तक, यानी कुल निवेश 36 लाख का. अगर आप हर महीने 10 हजार रुपए म्यूचुअल फंड की SIP में निवेश करते हैं, तो सालाना आपका निवेश 1.2 लाख रुपए होगा. 30 साल में यह निवेश कुल मिलाकर 36 लाख रुपए बन जाएगा.

अब मान लीजिए कि इस SIP पर आपको सालाना 12% का रिटर्न मिलता है, जो अच्छे इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में लंबी अवधि के लिए एक व्यवहारिक अनुमान है तो कंपाउंडिंग की ताकत से यह 36 लाख का निवेश बढ़कर 3,08,09,732 का फंड बन जाएगा.

रिटर्न कितना और कैसे मिला?

इस उदाहरण में कुल निवेश 36 लाख रुपए है. लेकिन आपको मिलने वाला रिटर्न लगभग 2.72 करोड़ रुपए है. यह सारा फर्क कंपाउंडिंग की वजह से आता है. कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपके पैसे पर जो ब्याज मिलता है, अगली बार उस ब्याज पर भी ब्याज जुड़ता है. जब आप SIP को लंबे समय तक लगातार करते हैं, तो यह कंपाउंडिंग साल दर साल बढ़ती जाती है. यही कारण है कि शुरुआत में पैसा धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन 15-20 साल बाद यह तेजी से बढ़ता है.

50 हजार की सैलरी में 10 हजार की SIP कैसे संभव?

बहुत से लोगों को लगता है कि उनकी सैलरी कम है, तो वे SIP नहीं कर सकते. लेकिन 50 हजार रुपए महीने की सैलरी में 10 हजार की SIP करना पूरी तरह मुमकिन है, अगर आप अपने खर्चों की प्लानिंग थोड़ा समझदारी से करें. जरूरत की चीज़ों और फालतू खर्चों के बीच फर्क समझिए. खाने, रहने और EMI के बाद अगर आप 20% भी बचा पाएं, तो वह SIP के लिए काफी है. एक बार आदत बन जाए तो धीरे-धीरे इसमें और इजाफा भी किया जा सकता है.

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(डिस्‍क्‍लेमर: यहां स्‍टॉक्‍स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

Tuesday, July 8, 2025

Mutual Fund SIP: ₹5,000 महीने की SIP से 10 साल में कितना रिटर्न मिलेगा? कैलकुलेशन देखे यहां

 Mutual Fund SIP: ₹5,000 महीने की SIP से 10 साल में कितना रिटर्न मिलेगा? कैलकुलेशन देखे यहां



Mutual Fund SIP: अगर आप भी सोच रहे हैं कम पैसे निवेश करके ज्यादा रिटर्न कैसे पाएं? तो अब आपको सोचने की बिलकुल जरुरत नहीं है। क्योंकि, आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको एक कैलकुलेशन बताने जा रहे हैं। जिसमें अगर आप हर महीने सिर्फ 5 हजार रुपए निवेश करते हैं, तो आपको 10 साल में कितना रिटर्न मिलता है। लेकिन यह कैलकुलेशन उनके लिए मायने रखता है, जो लंबे समय तक निवेश (Investment) करना चाहता है और मैच्योरिटी पर बंपर रिटर्न हासिल करना चाहते है।

म्युचुअल फंड (Mutual Fund) एसआईपी में जब आप निवेश करना शुरू कर देते हैं, तो आपको जमा राशि पर बैंक एफडी (Bank FD) से दोगुना ब्याज मिलता हैं। तो आप देख सकते हैं कि इसमें निवेश करने पर कितना बड़ा लाभ मिलता है। लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि, अगर इसमें पैसे जमा करते जाएंगे तो क्या हमारे पैसे डूब जाएंगे। हालांकि, दोस्तों ऐसा नहीं होता है। अगर मार्केट में अचानक से गिरावट आ रही है, तो ऐसी स्थिति में आप एसआईपी भी को तुरंत बंद कर सकते हैं। जिससे कि, आपको नुकसान नहीं होता हैं।

म्युचुअल फंड एसआईपी क्या हैं?

बहुत लोगों को अभी तक एसआईपी क्या होती है यह ठीक से मालूम नहीं है। तो देखिए म्युचुअल फंड एसआईपी का मतलब सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) होता है। जिसके माध्यम से आप हर महीने निश्चित राशि जमा कर सकते हैं। यहां पर आपको जमा राशि पर 12 प्रतिशत से लेकर 15 फ़ीसदी तक ब्याज दे दिया जाता है। जबकि, आने वाले इस 10 सालों में यह ब्याज 3 से 4 प्रतिशत से और भी बढ़ सकता है

मतलब कि अगर आप आज से ही निवेश (Invest) करना शुरू कर देते हैं, तो आपको आगे जाकर 18 से 19 प्रतिशत तक ब्याज मिल सकता है। यानी कि, आपको मैच्योरिटी पर पैसा (Money) ही पैसा मिलेगा। इसकी खासियत यही है कि आप जितने अधिक लंबे समय तक निवेश करेंगे, उतना ही तगड़ा रिटर्न (Return) आपके यहां पर मिल जाता हैं।

एसआईपी में निवेश करने के बाद मिलेंगे ये फायदे
आप लोग म्युचुअल फंड की एसआईपी में मात्र 500 रुपए से निवेश करना शुरू कर सकते हैं। जबकि, ज्यादा से ज्यादा आपकी जितनी मर्जी हो उतना पैसा यहां पर निवेश कर सकते हैं। लम्बे समय के लिए निवेश पर आपको चक्रवृद्धि ब्याज का भी लाभ मिल जाता। 

₹5000 की एसआईपी करने पर 10 सालों में कितना मिलेगा?

सबसे पहले आपको इस कैलकुलेशन को बारीकी से समझना होगा। तो देखिए यदि आप हर महीने 5 हजार रुपए की एसआईपी 10 सालों के लिए करते हैं, तो आपको इन 10 सालों के अंदर 6 लाख रुपए तक का निवेश करना होता है।

अब इस पर आपको 12 फ़ीसदी ब्याज मिलता। यानी इस हिसाब से जमा राशि पर आपको अनुमानित 7 लाख 15 हजार 91 रुपए का सिर्फ ब्याज ही मिलेगा। जबकि, टोटल अमाउंट (Total Amount) 13 लाख 15 हजार 91 रुपए मिलती हैं।


*म्युचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है कृप्या डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें